बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर एवं कांकेर जिले के अंतर्गत नक्सल प्रभावित 26 गांवों में ग्रामीणों द्वारा आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर रविवार को सभी जगह जश्न मनाया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एक्स पर लिखा है कि हमारी सरकार द्वारा इन सभी गांवों में सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। इसी के चलते यहां पहली बार ध्वजारोहण किया गया है।
सुरक्षा बलों ने नक्सली कब्जे से गांव मुक्त कराए
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर में कैंसर रूपी नक्सलवाद क ताबूत पर आखिरी कील ठोंकने का काम हमारी डबल इंजन की सरकार कर रही है। यहां के लोगों के लिए नासूर बन चुके नक्सलियों का मार्च 2026 तक खात्मा तय है।
बीजापुर जिले के उसूर ब्लाक में स्थित वाटेवागु, जिड़पल्ली-1, जिड़पल्ली-2, कोरागुट्टा, कावरगुटटा, कोंडापल्ली में आजादी के बाद पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया। वहीं, बीजापुर विकासखंड के पीडिया गांव में 30 साल के बाद ध्वजारोहण किया गया। सलवा जुडुम आंदोलन से पहले यहां पर गणतंत्र दिवस मनाया जाता था।
जहां नक्सली करते थे लोकतंत्र का विरोध, वहां गूंजा वंदे मातरम
दक्षिण और पश्चिम बस्तर क्षेत्र में कुल छह नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। इन क्षेत्रों में पहले जहां नक्सली लोकतंत्र का विरोध करते थे, वहीं आज ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों के साथ मिलकर राष्ट्रीय पर्व का जश्न मनाया।
सुबह स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने प्रभात फेरी निकाली और ‘वंदे मातरम’ तथा ‘जय हिंद’ के नारे लगाए। इस दौरान नक्सली हिंसा में बलिदान हुए जवानों को याद किया गया। उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया और उनके स्वजन का सम्मान किया गया।