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Majhipara school teacher news

विष्णुदेव सरकार की शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की नीति ने आज कोरबा जिले के माझीपारा के मछुआ परिवारों के विद्यार्थियों की पढ़ाई लिखाई को नई दिशा दे दी है । कोरबा शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर पाली विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगा नाला में बड़ी संख्या में मांझी परिवार निवास करते हैं। नाव चलाने, मछली बेचने सहित मजदूरी कर अपना आजीविका चलाने वाले इन परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने शासन ने इनके बसाहट के पास ही प्राथमिक शाला प्रारंभ किया। अन्तिम छोर वाले इस गाँव के पाठशाला में पिछले कई साल से विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से नियमित शिक्षक नहीं थे। शिक्षको की कमी की वजह से माँझीपारा के बच्चों की पढ़ाई तो जारी थी लेकिन उन्हें ऐसा लगता था कि मानो जिस नाव रूपी प्राथमिक शाला में वे सवार है वह मझधार में फंसी हुई है। उन्हें मंजिल तक पहुंचाने एक और खेवइया रूपी शिक्षक की नितांत आवश्यकता है। राज्य शासन की युक्ति युक्तकरण की पहल ग्राम पंचायत डोंगा नाला  माँझीपारा के पाठशाला के विद्यार्थियों के  लिए बड़ी वरदान बनकर आई। यहाँ एक और शिक्षिका की नियुक्ति हो जाने से मानो स्कूल को एक और खेवइया मिल गया है, जो इन्हें मंजिल तक पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण मददगार साबित होगा।

माँझीपारा में पांचवीं तक पाठशाला खुले हुए 21 साल हो गए, लेकिन यहाँ बच्चों की संख्या के हिसाब से शिक्षकों की कमी कभी न कभी बनी ही रही। शिक्षको की कमी की वजह से इस स्कूल से वास्ता रखने वाले माँझी जाति के लोगो के बच्चों को समस्या का सामना करना पड़ता था। समस्या सिर्फ यहाँ पढ़ाई करने वाले बच्चों तक की ही नहीं थीं, उनके पालकों की भी थी। उन्हें भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता थी।  इस बीच मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर अपनाई गई युक्ति युक्तकरण की प्रक्रिया से माँझीपारा के प्राथमिक शाला में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के साथ ही स्कूल की भी भाग खुल गई। स्कूल में जहाँ दो नियमित शिक्षक हो गए, वही यहाँ पदस्थ हुई शिक्षिका नई मैडम के रूप में दिन भर विद्यार्थियों के जुबान में बस गई है। पाठशाला खुलते ही मैडम के आने और कक्षा में पढ़ाने की चर्चा तो विद्यार्थी करते ही है, मन लगाकर पढ़ाई भी करते हैं।

पाली ब्लॉक के अंतर्गत दूरस्थ ग्राम पंचायत डोंगानाला के अंतर्गत अंतिम छोर पर बड़ी संख्या में मांझी परिवार निवास करते हैं। मांझी परिवार के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए नजदीक ही प्राथमिक शाला का संचालन शासन द्वारा किया जाता है।  प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक श्री मणि दास मानिकपुरी ने बताया कि विद्यालय वर्ष 2004 से संचालित है। वर्तमान में 50 विद्यार्थी अध्ययनरत है। उन्होंने बताया कि आसपास के गरीब परिवार के बच्चे इस विद्यालय में पढ़ाई करने आते हैं। यहां नियमित शिक्षक की कमी बनी हुई थी। युक्ति युक्तकरण से हमारे विद्यालय में एक शिक्षिका की नियुक्ति की गई है। नई शिक्षिका के आने से विद्यार्थियों को पढ़ाई में बहुत मदद मिली है। इधर क्लास ले रही नई शिक्षिका राजश्री लहरे से विद्यार्थी भी घुले-मिले नजर आ रहे थे। ब्लैकबोर्ड पर लिखकर अभ्यास में जुटी शिक्षिका को पाकर कक्षा दूसरी की सिमरन, बृज कुमारी ,कक्षा पांचवीं की सती कुमारी, प्रियांशी सहित अन्य विद्यार्थियों में खुशी का वातावरण है। वे बताती है कि नई मैडम अच्छी लगती है। वे हमें हिंदी गणित पढ़ाती है। शिक्षिका राजश्री का भी कहना है कि यहाँ जॉइनिंग के बाद यहाँ के विद्यार्थियों से घुलना मिलना जरूरी है ताकि वे निसंकोच होकर पढ़ाई में ध्यान दे सके और सवालों को पूछ सके।

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