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लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, नन्हीं चींटी चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है, मन का विश्वास रगों में साहस होता है चढ़कर गिरना गिर कर चढ़ना न अखरता है, आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती। यह कहावत सिद्ध किया है बस्तर की बेटी मानसी ने जिसने लगातार पांच असफलता के बाद भी हार नहीं मानी और अपनी जिद पर अड़ी रही।

आखिरकार छठवें और आखिरी मौके पर उसने सफलता अर्जित करते हुए दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली। उसने अपने अंतिम प्रयास में 444 वीं रैंक हासिल करते हुए आइएएस परीक्षा पास कर देश भर में अपने परिवार व बस्तर का नाम रौशन किया है। पत्रिका की टीम ने आज मानसी जैन से उनकी सफलता पर चर्चा किया जिसमें उसने खुलकर अपनी तैयारी और सफलता के क्षणों को शेयर किया।

सफलता के लिए अनुशासन आवश्यक

मानसी ने स्कूल से लेकर यूपीएससी तक की सफर के दौरान अनुशासन को सबसे महत्वपूर्ण बताया है। उनका कहना है कि किसी भी क्षेत्र में अनुशासन के बिना सफलता की उम्मीद करना बेमानी है। यह हमें अपने मंजिल तक पहुंचने में मदद करती है। अनुशासित दिनचर्या होना आवश्यक है जिसमें हर क्षण का सही उपयोग करना जरूरी होता है।

प्राथमिक शिक्षा बस्तर में: मानसी की प्रारंभिक शिक्षा शहर के निर्मल स्कूल में शुरू हुई जहां बारहवी के बाद उसने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज धरमपुरा में प्रवेश लिया। इसके बाद एमटेक की पढ़ाई के लिए धनबाद पहुंची। मानसी पहले प्रोफेसरों से प्रभावित होकर शिक्षा के क्षेत्र में जाने के लिए असि प्रोफेसर बनने की चाहत रखती थी।
मानसी का कहना है कि बस्तर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यहां शहरी और ग्रामीण इलाके सभी जगह स्कूलों में प्रायमरी शिक्षा के दौरान ही छात्र छात्राओं के भविष्य गढ़ने के लिए उचित मार्गदर्शन और जागरूकता की जरूरत है। यहां के अधिकांश बच्चों को बारहवी क्लास पहुंचते तक भी उन्हें क्या बनना है और क्या करना है यही पता नहीं रहता। ऐसे में क्वालिटी एजूकेशन के अलावा कैरियर गाइडेंस भी करना आवश्यक है।

उठो जगो और आगे बढ़ो

UPSC Success Story: मानसी जैन ने बस्तर के प्रतिभाओं को अपने संदेश में विवेकानंद की उस लाइन को किसी भी लक्ष्य प्राप्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना है जिसमें स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। इस पंक्तियों को उसने जिया और और महसूस भी किया है यही वजह है कि आज वह भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा में सफलता अर्जित किया है।

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