4078145881738806504
14271021545470334915
ब्रेकिंग न्यूज़
Rani Durgavati Rescue Center: सीएम मोहन यादव का ऐलान! जबलपुर में बनेगा रानी दुर्गावती के नाम पर रेस्क्यू सेंटर CGPSC राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2024: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने पूरी की तैयारियां, 26 से दो पालियों में होगी परीक्षा Lakhimpur Leopard Attack: लखीमपुर में तेंदुए की युवक से भिड़ंत, ग्रामीणों ने ईंट-पत्थरों से बचाई जान, वीडियो वायरल MP New Promotion Rules: मध्यप्रदेश में प्रमोशन के नए नियमों के खिलाफ 26 जून को मंत्रालय में प्रदर्शन करेंगे कर्मचारी MP Bijli Company Bharti: HC के फैसले के अधीन होगी बिजली कंपनियों में नियमित पदों पर भर्ती, 2 सवाल के गलत उत्तर का मामला Bhopal News: भोपाल की सड़कों पर उतर गई लाशें, कब्र लेकर भटकते नजर आए लोग, हैरान कर देगा ये मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ईडी को लोगों को कम समय में बुलाने, अगले दिन उनकी गिरफ्तारी से पहले उन्हें रात भर जगाए रखने के आरोपों की बाबत फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आतंकवादियों और जघन्य अपराधियों के साथ भी इस तरह का सलूक नहीं किया जाता है। इससे एजेंसी की ओर से अपनाई जा रही गिरफ्तारी और पूछताछ की प्रक्रिया के असंवैधानिक होने को लेकर संदेह पैदा होता है।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा- हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भविष्य में क्या होगा। यह अक्षम्य है। ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। आप किसी से रात भर पूछताछ करें और अगले दिन उसे हिरासत में ले लें। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। अदालत सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें इस साल अप्रैल में छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के सिलसिले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

ईडी द्वारा अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी आयकर विभाग की जांच के आधार पर अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) को शीर्ष अदालत द्वारा खारिज किए जाने के कुछ दिनों के भीतर की गई। टुटेजा 20 अप्रैल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) गए थे। जब वे इसी मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय में थे, तब उन्हें दोपहर 12.30 बजे ईडी का पहला समन मिला।

ईडी के इस समन में उनको हाजिर होने के लिए दोपहर 12 बजे की टाइमिंग दी गई थी। थोड़ी देर बाद शाम को उनको पेश होने के लिए दूसरा समन जारी किया गया। ईडी अधिकारियों का एक दल उन्हें सीधे एसीबी कार्यालय से साथ ले गया। ईडी के जांच अधिकारियों ने रात भर उनसे पूछताछ की और 21 अप्रैल को सुबह के वक्त उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सर्वोच्च अदालत ने कहा- ऐसा तो आतंकवादियों और खूंखार अपराधियों के साथ भी नहीं होता है।

पीठ ने (जिसमें न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे) कहा- देखिए अधिकारी ने किस अन्यायपूर्ण तरीके से काम किया है। हम चाहते हैं कि अधिकारियों को हमारे सामने पेश किया जाए। अनिल टुटेजा ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए अंतरिम रिहाई की मांग की है। 2003 बैच के आईएएस अधिकारी टुटेजा फिलहाल जेल में हैं। टुटेजा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *