अगर आप सरकारी पेंशनधारी हैं तो ये खबर आपके बड़े काम की है। दरअसल फैमिली पेंशन के नए नियम (Family Pension ke Naye Niyam) आए हैं। जिसके अनुसार अब बेटी भी पेंशन की हकदार होगी। साथ ही इसमें बताया गया है कि परिवार की लिस्ट से बेटी का नाम नहीं हटा सकते। हालांकि इसमें पेंशन की हकदार होने के लिए बेटियों के लिए कुछ शर्तें भी हैं।
जानकारों की मानें तो सरकारी कर्मचारी की फैमिली पेंशन(Family Pension) के लिए पात्र परिवार के सदस्यों की लिस्ट से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकता। इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (DOPPW) ने हाल ही में एक आदेश में ये स्पष्ट कर दिया है।
विभाग द्वारा जो मेमोरेंडम जारी किया गया है उसमें बताया गया है कि जब सरकारी कर्मचारी बेटी का नाम निर्धारित फॉर्म 4 में शामिल करता है, तो उसे आधिकारिक तौर पर परिवार के सदस्य के रूप में मान्यता मिल जाती है।
हालांकि ये नियम इस पर ध्यान दिए बिना हमेशा लागू रहता है कि बेटी पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र है या नहीं।
फैमिली पेंशन के लिए क्या है बेटी की पात्रता
नियमानुसार परिवार की ऐसी बेटी जो किसी भी तरह से जब तक कि वह किसी मानसिक या शारीरिक विकलांगता से प्रभावित न हो तो वो पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होती है। इसमें ये भी बताया गया है कि जब तक कि उसकी शादी नहीं हो जाती या नौकरी नहीं लग जाती।
इसमें बताया गया है कि 25 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटी को भी फैमिली पेंशन मिल सकती है।
शर्त ये भी है कि परिवार के अन्य सभी बच्चे या तो 25 वर्ष से अधिक उम्र के हों या आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों।
यदि कोई बच्चा दिव्यांग है, तो उसे फैमिली पेंशन में प्राथमिकता मिलेगी।
फैमिली पेंशन नए दिशानिर्देश
नए नियम के अनुसार अगर किसी महिला सरकारी कर्मचारी का तलाक का मामला लंबित हैं और उसने पति के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दाखिल किया है तो वह अपनी मृत्यु की स्थिति में बच्चों को फैमिली पेंशन देने का औपचारिक अनुरोध कर सकती है।
आपको बता दें यदि सरकारी कर्मचारी महिला पेंशन धारी है और उसकी मृत्यु के समय अगर कोई पात्र संतान मौजूद नहीं है तो फैमिली पेंशन उसके विधुर पति को दी जाएगी।
अगर नाबालिग या दिव्यांग बच्चे मौजूद हैं, तो पेंशन शुरू में विधुर को मिलेगी। इसकी शर्त यह होगी कि वह बच्चे का अभिभावक बना रहे।
यदि विधुर अभिभावक नहीं रहता है, तो पेंशन का भुगतान लीगल गार्जियन के जरिये किया जाएगा। बच्चे के वयस्क होने के बाद भी फैमिली पेंशन के लिए पात्र होने पर पेंशन सीधे उन्हें ही ट्रांसफर की जाएगी।
अगर सभी बच्चे नियम 50 के तहत फैमिली पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं रहते तो पेंशन फिर से विधुर को मिलेगी। यह नियम तब तक लागू रहेगा, जब तक कि उसकी मृत्यु नहीं हो जाती या वह दोबारा शादी नहीं कर लेता।