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गीदम जिले की व्यावसायिक नगरी गीदम में आयोजित तीन दिवसीय पारंपरिक मेले की शुरुआत मां दंतेश्वरी के छत्र के नगर में आगमन के साथ हुई। शनिवार 03 मई को जैसे ही मां दंतेश्वरी का छत्र नगर के हारम चौक पहुंचा, वहां आतिशबाजी और विधिविधान के साथ पूजा-अर्चना कर स्वागत किया गया।

हर वर्ष की तरह इस बार भी गीदम मेले में मां दंतेश्वरी का छत्र शामिल होने पहुंचा है, जो वर्षों से चली आ रही एक आस्था और परंपरा का प्रतीक है। मेले के पहले दिन छत्र स्थापना के पश्चात श्री सीताराम रामायण एवं भजन मंडली द्वारा दैनिक बाजार स्थित गणेश मंडप में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। इसके साथ ही आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति भी दी जाएगी, जो क्षेत्रीय संस्कृति और लोक परंपराओं को जीवंत करता है।

मेले के दूसरे दिन, 04 मई रविवार को शाम 4 बजे भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके उपरांत मां दंतेश्वरी स्तंभ में ध्वजारोहण कर नगर परिक्रमा निकाली जाएगी। शाम 7 बजे नगर के विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा और आरती की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में आदिवासी नृत्य, ओड़िया नाट्य और चलचित्र प्रदर्शन किया जाएगा।

5 को होगा मेले का समापन

CG News: मेले का समापन तीसरे दिन 05 मई सोमवार को प्रात: 7 बजे हवन, पूजन और आरती के साथ किया जाएगा। इसके बाद श्री श्री 1008 मां दंतेश्वरी एवं क्षेत्रीय देवी-देवताओं की विदाई की जाएगी। इसी के साथ गीदम मेला विधिवत रूप से संपन्न होगा।

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