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प्रतिवर्ष अक्षय तृतिया तिथि पर ही रथ की पूजा की जाती है। रथ पूजन के साथ ही रथ यात्रा उत्सव का आगाज भी हो जाता है। गौरतलब है कि हर वर्ष अक्षय तृतिया के शुभ दिन पर ही भगवान जगन्नाथ के रथ की पूजा का विधान है।

इस खास मौके पर नगर के जगन्नाथ मंदिर के मुय पुजारी केदारनाथ मिश्रा ने सुबह 8 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रथ निर्माण शुभारंभ पूजा अर्चना की और भगवान से रथ निर्माण के लिए आज्ञा मांगी। भगवान परशुराम जी का भी जन्मोत्सव है। लिहाजा आज शाम जगन्नाथ मंदिर में धुमधाम के साथ परशुराम जी की भी जयंती मनाई गई।

मंदिर के पुजारी केदारनाथ मिश्रा ने जानकारी देते बताया कि अक्षय तृतिया के खास मौके पर आज सुबह रथ की विधिवत पूजा अर्चना की गई। रथ बनाने की तैयारियां भी शुरू हो गई है। गौरतलब है कि जगन्नाथ मंदिर स्थापना के बाद से नगर में बीते 4 वर्षों से गोंचा पर्व पर रथ यात्रा निकालने का कार्यक्रम शुरू हुआ है।

हर साल की भांति इस साल भी 27 जून को अषाढ शुक्ल पक्ष के द्वितिया तिथि पर धुमधाम के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। इससे पूर्व आगामी 12 मई को बुद्ध पुर्णिमा के दिन भगवान को 108 कलशों के पंचामृत जल से स्रान कराया जाएगा।

इसके अलावा, रथ को खींचने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस यात्रा में लोग अपनी भक्ति को भगवान के चरणों में समर्पित करते हैं और इसे एक बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन के रूप में मनाते हैं।

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