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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को 24 सप्ताह के गर्भ को अबॉर्शन करवाने की मंजूरी दे दी है। जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने कहा कि रेप पीड़िता महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दी जा सकती है, क्योंकि ऐसी गर्भावस्था से महिला को मानसिक पीड़ा होती है।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, ऐसी स्थिति में पीड़िता की मनोस्थिति पर गहरा असर पद सकता है, इसलिए पीड़िता को बलात्कारी के बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जस्टिस ने शुक्रवार सुबह रायगढ़ के मेडिकल जिला अस्पताल या फिर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ब होने के कारण गर्भपात के बाद भ्रूण को डीएनए टेस्ट के लिए सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।

30 दिसंबर को हाई कोर्ट में लगाई थी याचिका

सारंगढ़-बिलाईगढ़ निवासी नाबालिग लड़की से जबरन यौन संबंध बनाए जाने से गर्भवती हो गई। उसने अपने अभिभावक के माध्यम से गर्भपात करने की अनुमति लेने के लिए हाईकोर्ट में 30 दिसंबर को याचिका दायर की थी। याचिका पर विशेष कोर्ट लगाकर सुनवाई की गई।

जस्टिस विभु दत्त गुरू ने रायगढ़ कलेक्टर को मेडिकल बोर्ड का गठन कर पीड़िता की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड का गठन कर पीड़िता की जांच की गई। जांच रिपोर्ट में पीड़िता के 24 सप्ताह 6 दिन का गर्भ होने एवं भ्रूण के स्वस्थ होने की रिपोर्ट दी गई।इसके साथ गर्भ समाप्त करने अनुमति दी गई।

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