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बीजापुर जिले के धान उपार्जन केंद्रों में धान का उठाव न होने के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है। बफर लिमिट से ज्यादा धान खरीदी जाने के बावजूद उठाव नहीं हो पा रहा है, जिससे खरीदी केंद्रों में धान का जाम लग गया है।

कई केंद्रों में तो क्विंटल नहीं, बल्कि किलो भर धान रखने की भी जगह नहीं बची है। इस समस्या से परेशान होकर खरीदी केंद्रों के प्रभारी कलेक्टर से जल्द उठाव की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने 5 जनवरी तक संतोषजनक उठाव न होने पर 6 जनवरी से धान की खरीदी रोकने का अल्टीमेटम भी दिया है।

 

केवल 51 हजार 850 क्विंटल धान का ही उठाव

जानकारी के अनुसार, 29 दिसंबर तक जिले के 30 उपार्जन केंद्रों में 4 लाख 37 हजार 737 क्विंटल धान खरीदी गई थी, जिनमें से केवल 51 हजार 850 क्विंटल का ही उठाव हो पाया है।

इसका मतलब यह है कि अब तक महज 11.85 फीसदी धान का उठाव हुआ है। 3 लाख 85 हजार 886 क्विंटल धान का उठाव बाकी है, और 30-31 दिसंबर को हुई खरीदी से यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।

 

सूखत की समस्या बढ़ रही

समितियों की चिंता इस बात को लेकर है कि एक महीने से ज्यादा समय हो जाने के बाद सूखत की समस्या बढ़ रही है, जबकि बफर स्टॉक से ज्यादा धान खरीदी जा चुकी है। इसके पीछे मुख्य कारण जिले में केवल एक ही मिलर्स का होना बताया जा रहा है। समितियों का कहना है कि अगर अंतरजिला डीओ और टीओ जारी किए जाएं तो इस समस्या का हल निकाला जा सकता है।

जिला सहकारी समिति संघ ने प्रशासन का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकर्षित किया है, लेकिन संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर 5 जनवरी तक उठाव को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया तो 6 जनवरी से जिले के सभी उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी रोक दी जाएगी।

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