4078145881738806504
14271021545470334915
ब्रेकिंग न्यूज़
छत्तीसगढ़ बनेगा डेयरी हब! 2047 तक दूध और अंडा उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी का लक्ष्य धान खरीदी के लिए जरूरी हुआ एग्रीस्टैक पंजीयन! 31 अक्टूबर तक कराएं रजिस्ट्रेशन, वरना नहीं मिलेगा भुगतान मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान: हर स्कूल में होगा Social Audit, तय होंगे शिक्षा के नए मापदंड! जीएसटी 2.0 से मिलेगी बड़ी राहत! अब रोज़मर्रा की चीज़ें होंगी सस्ती – जानिए कितना होगा फायदा NSS अवॉर्ड 2023: कोरबा की लखनी साहू को मिला राष्ट्रपति सम्मान, छत्तीसगढ़ में जश्न का माहौल! छत्तीसगढ़ को मोदी कैबिनेट की बड़ी सौगात! ₹24,634 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी, गोंदिया–डोंगरगढ़ लाइन से बदल जाएगा विकास का नक्शा!

नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) ने नवा रायपुर में सत्य साईं रिसर्च सेंटर के लिए भूमि आवंटित करने की पहल शुरू कर दी है। बच्चों की फ्री हार्ट सर्जरी और इलाज की सुविधा देने वाले श्री सत्य साईं संजीवनी रिसर्च फाउंडेशन का यहां केंद्र खुलेगा।

 

इसे अत्याधुनिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के रूप में विकसित करेंगे। मरीजों के स्वजनों के लिए आवासीय सुविधा होगी, ताकि उपचार के दौरान ठहर सकें। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व में नवा रायपुर को देश का प्रमुख मेडिकल हब बनाने के प्रयास जारी है।

 

इसी क्रम में एनआरडीए ने श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल को रिसर्च सेंटर के लिए भूमि आवंटित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे कैबिनेट में भी लाया जाएगा। ये अस्पताल ऐसा है, जहां बिलिंग काउंटर ही नहीं है। इसके अलावा के रहने-खाने का कोई शुल्क नहीं लगता है। यहां इलाज कराने के लिए विदेश से भी मरीज आते हैं।

 

बच्चों की हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज में मददगार

साल 2022 में स्थापित श्री सत्य साईं संजीवनी रिसर्च फाउंडेशन होमोग्राफ्ट इम्प्लांटेशन, बच्चों की हृदय सर्जरी और दुनिया के सबसे बड़े हार्ट टिशू और सीरम बायो-बैंक का संचालन करता है। यहां संगृहीत डाटा बच्चों की हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज में मददगार साबित हो रहा है।

 

200 बच्चों की रोजाना होती है जांच

100 बेड के श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में रोजाना 200 बच्चों की जांच होती है। यहां पर बच्चों की जांच की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें से एक हाई क्वालिटी की फीटल इकोकार्डियोग्राफी भी है, जो कि गर्भवास्था के समय मां के गर्भ में पल रहे बच्चे में दिल की किसी बीमारी का पता लगाने के लिए की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *