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छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश के निजी नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी कोर्स में जीरो परसेंटाइल से नहीं, बल्कि न्यूनतम 5 प्रतिशत या इससे अधिक अंक वालों को प्रवेश दिया जाएगा। इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने प्रवेश के लिए परसेंटाइल को शिथिल करने की अनुमति दी थी। आईएनसी के आदेश के 13 दिनों बाद राज्य शासन ने परसेंटाइल की बजाय परसेंट घटाया है। इसमें भी कॉलेजों की सीटें भर पाएंगी, ऐसी उम्मीद कम ही है।

आईएनसी ने ही 30 नवंबर तक प्रवेश की तारीख बढ़ाई थी। केवल तीन दिन बचे हैं और काउंसलिंग का नया शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। ऐसे में आईएनसी से फिर एक बार तारीख बढ़ाने की मांग की जाएगी। तभी खाली सीटों को भरने में मदद मिलेगी। प्रदेश में बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए व्यापमं से होने वाला एंट्रेंस एग्जाम महज औपचारिक बनकर रह गया है। 122 निजी कॉलेजों में बीएससी की 4775 सीटें खाली है, जो 66.12 फीसदी से ज्यादा है।
सभी 8 सरकारी कॉलेजों की सीटें भर चुकी हैं, लेकिन तीन राउंड के बाद भी निजी की सीटें नहीं भर पा रही हैं। आने वाले दिनों में शेड्यूल जारी होने के बाद नए सिरे से ऑनलाइन पंजीयन कराया जाएगा। ताकि एंट्रेंस एग्जाम में 5 फीसदी वाले छात्र-छात्राएं भी पंजीयन कर सके। प्रवेश की तारीख पहले ही एक माह बढ़ाई जा चुकी है। पहले आखिरी तारीख 31 अक्टूबर थी, जिसे बढ़ाकर 30 नवंबर किया गया है।
पत्रिका ने 1 अक्टूबर को खबर प्रकाशित कर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश होने की संभावना जाहिर कर दी थी। दरअसल ये पिछले 5 सालों का ट्रेंड रहा है कि निजी कॉलेजों में सीटें बचने पर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश होने की परंपरा बन गई है। यही नहीं 12वीं बायोलॉजी के आधार पर भी प्रवेश दिया गया है।

जून में आईएनसी को लिखा पत्र, जुलाई में हुआ एंट्रेंस एग्जाम

तत्कालीन कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन जेपी पाठक ने जून में आईएनसी को पत्र लिखकर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देने की मांग की थी। जबकि एंट्रेंस एग्जाम जुलाई में हुआ था। निजी नर्सिंग कॉलेज संघ की मांग पर सीएमई ने पत्र लिखा था। 5 प्रतिशत कटऑफ वालों से सीटें नहीं भरने से फिर से कटऑफ कम करने की मांग की जा सकती है। हालांकि इसके लिए काउंसलिंग का इंतजार करना होगा। काउंसलिंग में कितनी सीटें भरती हैं, ये भी देखने वाली बात होगी। अधिकारियों का कहना है कि जल्द काउंसलिंग के लिए शेड्यूल जारी किया जाएगा।

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