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नक्सल विरोधी अभियान के तहत राजनांदगांव में जवानों ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है. बीते साल भर में राजनांदगांव रेंज अंतर्गत लगभग 12 से ज्यादा कैंप पुलिस ने खोले हैं. पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान नक्सल विरोधी अभियान के तहत लगातार काम कर रहे हैं.

अभिभाजित राजनांदगांव जिला नक्सल प्रभावित जिला है, जहां नक्सलियों की धमक रही है. इसे नक्सल मुक्त जिला बनाने की ओर लगातार काम किया जा रहा है. बीते लगभग एक साल में 12 से ज्यादा कैंप खोले गए हैं और नक्सल उन्मूलन के तहत काम किया जा रहा है.

राजनांदगांव रेंज आईजी दीपक कुमार झा ने बताया कि राजनांदगांव रेंज के मोहला मानपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, खैरागढ़ नक्सल प्रभावित जिलों में आते हैं. जिनमें मोहला मानपुर अति संवेदनशील प्रभावित जिले में शामिल है. हमारे बॉर्डर की जो जिले हैं मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के यह भी नक्सल प्रभावित जिले इन सभी चीजों को देखते हुए इस साल जो सभी जिलों में हमारे पहले से कैंप जो कैंप थे उनको उचित संसाधनों से नए जगहों पर स्थापना की है. ताकि इनके माध्यम से नक्सल विरोधी अभियान को और अच्छे से चला सके.

दीपक कुमार झा ने बताया कवर्धा जिले में 7 नए कैंप बॉर्डर इलाकों में खोले गए हैं. खैरागढ़ जिले में बगरझोला में आईटीबीपी कैंप खोला गया है. राजनांदगांव जिले में कोठीटोला में कैंप खोला गया है. मोहला मानपुर में तीन इस तरीके से पुराने कैंपों की नवीन स्थापना की गई है. एक तरफ नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है और दूसरी तरफ कैंप भी खोले जा रहे हैं, जिससे विकास के काम हो रहे हैं. कम्यूनिटी पुलिसिंग का काम किया जा रहा है. लोगों का विश्वास पुलिस पर ज्यादा हो रहा है. गांव वाले सीआरपीएफ से अपनी समस्याएं बता रहे हैं. आने वाले समय में और कैंप खोले जायेंगे.

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