बाल विवाह रोकने के लिए जिला स्तरीय टीम बनाई गई थी। टीम ने अक्षय तृतीया पर जिलेभर के लगभग 30 से अधिक शादी घरों में जाकर दूल्हा-दुल्हन की उम्र का सत्यापन किया।
महिला बाल विकास विभाग के मुताबिक बुधवार को शादी घरों में जांच की गई। उन्हें बाल विवाह का एक भी मामला नहीं मिला। हालांकि टीम शादी घरों में गई तो दूल्हा-दुल्हन सहित डर गए थे। टीम ने सच्चाई बताई, तब राहत की सांस ली। बीते साल जिले में अक्षय तृतीया पर बाल विवाह के 4 मामले आए थे।
10 साल में रोके 36 बाल विवाह
जिले में 10 साल में बाल विवाह कराने के प्रयास के 36 मामले सामने आए हैं। हालांकि टीम की सक्रियता से बाल विवाह होने से बच गया। टीम हर साल सक्रियता के साथ बाल विवाह रोकने का प्रयास करती है। शादी घरों में जाकर लोगों को जागरूक करती है कि वे अपने बच्चों की कम उम्र में शादी न करें।