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दरअसल, 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में नियम के मुताबिक सीएम समेत 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं. फिलहाल, राज्य सरकार में सीएम समेत 11 मंत्री हैं. ऐसे में 3 और मंत्री बनाए जा सकते हैं, लेकिन कई नेता खुद को दावेदार के तौर पर पेश कर रहे हैं. ऐसे में मंत्री नहीं बनने वाले नेता असंतुष्ट होकर निकाय चुनाव में पार्टी के साथ खेला कर सकते थे. लिहाजा, इस स्थिति से बचने के लिए पार्टी फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार को टाल दिया है. इन नेताओं को मंत्री बनाने की थी चर्चा जिन नेताओं के नामों की चर्चा है, उनमें बिलासपुर से अमर अग्रवाल, दुर्ग से गजेंद्र यादव, रायपुर से राजेश मूणत के अलावा बस्तर से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को मंत्रिमंडल मंडल के नाम शामिल हैं. फिलहाल, साय मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री हैं. इनमें सबसे ज्यादा सरगुजा संभाग से मंत्री हैं. रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग से सिर्फ एक-एक मंत्री हैं. इसलिए रायपुर से राजेश मूणत और अजय चंद्राकर का नाम चर्चा में थे. वहीं, बस्तर से केदार कश्यप अकेले मंत्री हैं, ऐसे में बस्तर से प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को मंत्री बनाने की चर्चा थी. बिलासपुर से रमन सरकार में मंत्री रहे अमर अग्रवाल का नाम की भी चर्चा थी. इसके अलावा, यादव समाज को प्रतिनिधित्व देने दुर्ग से गजेंद्र यादव को भी मंत्री बनाए जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी.

ByMonesh tiwari

Jan 9, 2025

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सनावल क्षेत्र को झारखंड से जोड़ने कन्हर नदी पर उच्च स्तरीय पुल का काम तेजी से चल रहा है। इस पुल के निर्माण से 20 गांवों की करीब 40 हजार आबादी को बड़ी राहत मिलेगी। सनावल क्षेत्र के कई गांवों के लोग रोजाना खरीदारी और इलाज के लिए नदी के उस पार स्थित झारखंड के जिला मुख्यालय गढ़वा और प्रखंड मुख्यालय नगर उटारी और धुरकी जाते हैं। कन्हर नदी पर इस पुल के शुरू हो जाने से सनावल क्षेत्र से इन तीनों शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी। क्षेत्रवासियों को बारहों महीने निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी।

लोक निर्माण विभाग द्वारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के धौली और झारखंड के गढ़वा जिला के धुरकी प्रखंड के बालचौरा के बीच कन्हर नदी पर 15 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जा रहा है। अभी 12 पियर एवं दो अबटमेंट में से पांच पियर एवं एक अबटमेंट का काम पूर्ण कर लिया गया है। शेष सात पियर एवं एक अबटमेंट में सब-स्ट्रक्चर का कार्य प्रगति पर है। अगले कुछ दिनों में सुपर-स्ट्रक्चर का भी काम पूर्ण कर लिया जाएगा। 312 मीटर लंबाई और 8.4 मीटर चौड़ाई के इस पुल का करीब 50 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने अधिकारियों को निर्माण में पूर्ण गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समय-सीमा में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। विभाग द्वारा पुल का काम इस साल जून तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

कन्हर नदी पर छत्तीसगढ़ के धौली और झारखंड के बालचौरा गांव के बीच पुल के निर्माण से वाड्रफनगर और रामचंद्रपुर तहसील के अनेक गांव सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे। इससे क्षेत्र में व्यापारिक-व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही खरीदारी, इलाज और विभिन्न कार्यों से रोजाना गढ़वा एवं नगर उटारी जाने वालों की सफर की दूरी आधी हो जाएगी। अभी धौली से सड़क मार्ग से गढ़वा जाने के लिए करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पुल के शुरू हो जाने के बाद यह दूरी घटकर 55 किलोमीटर हो जाएगी। सनावल क्षेत्र के लोगों को अभी नगर उटारी जाने के लिए 70 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। पुल बन जाने के बाद यह दूरी घटकर आधी यानी 35 किलोमीटर हो जाएगी। वाड्रफनगर क्षेत्र के लोग अभी रामानुजगंज और उत्तरप्रदेश होकर झारखंड जाते हैं। कन्हर नदी पर पुल के चालू हो जाने पर वे बहुत कम दूरी तय कर सीधे झारखंड पहुंच सकेंगे।

पुल के निर्माण से ये 20 गांव होंगे लाभान्वित
धौली और बालचौरा के बीच पुल के निर्माण से सनावल क्षेत्र के 20 गांवों के साथ ही इस मार्ग का उपयोग कर झारखंड के गढ़वा, धुरकी और नगर उटारी आने-जाने वालों को फायदा होगा। इसके निर्माण से धौली, कामेश्वरनगर, झारा, कुशफर, सेमरवा, इंद्रावतीपुर, बरवाही, दोलंगी, ओरंगा, रेवतीपुर, सुंदरपुर, सुरंगपान, कुण्डपान, पिपरपान, डुगरु, पचावल, त्रिशूली, सिलाजू, उचरवा, आनंदपुर इत्यादि गांवों को बड़ी राहत मिलेगी।

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