unique funeral procession in chhattisgarh: मृतक के साथी प्रभुराम ने बताया कि साल 2013 में दोनों ने देहदान किया था, जिसकी पूरी प्रक्रिया अपनाई गई थी. इसमें कहा गया था कि मौत होने तुरंत बाद सूचना देनी थी. दशरथ धुर्वे की मौत होने पर तत्काल मेडिकल कॉलेज को सूचना दी गई. उससे पहले मृतक कर्म के पूरी प्रक्रिया सांकेतिक रूप से पूरी की गई. उसकी शव यात्रा निकाली गई. फिर अंतिम संस्कार किया गया. शव को दूल्हे की तरह सजाया गया था. बड़े शान से उसके घरवाले, गांववालों ने अंतिम विदाई दी.