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हाइलाइट्स

पीला मोजेक वायरस ने बढ़ाई किसानों की टेंशन
कई जिलों में वायरस से मूंग की फसल को खतरा
एमपी के 14 जिलों में बढ़ी किसानों की परेशानी

MP Yellow Mosaic Virus: मध्य प्रदेश के कई जिलों में मूंग की फसल पर खतरा मंडराने लगा है, एक बार फिर पीला मोजेक वायरस ने अन्नदाता को परेशानी में डाल दिया है। हरदा, नर्मदापुरम, रायसेन और देवास समेत कई जिलों में मूंग की फसल संकट के बादल छाए हुए है। फसल के कुछ हिस्सों में पीला मोजेक वायरस लगने से किसानों का नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि इस बार मौसम में गड़बड़ी के कारण वायरस का असर अधिक देखने को मिल रहा है।
वायरस ने बढ़ाई किसानों की टेंशन
बता दें कि, प्रदेश के 14 जिलों में गर्मी के सीजन में मूंग की फसल लगाई जाती है, हाल ही में फसल के कुछ हिस्सों में पीला मोजेक वायरस दिख रहा है, रायसेन जिले में किसानों का कहना है कि हमारी फसलों पर भी वायरस लगने का खतरा मंडरा रहा है। किसानों के अनुसार इस बार मौसम ज्यादा गड़बड़ है, इस बार फसलों पर पीला मोजेक वायरस का देखने को मिल रहा है। इस बार 30 से 40 प्रतिशत पीला मोजेक लगा है, जो सामान्य रूप से 2 या 5 लगता है। इस वायरस फसलों को नुकसान है जिसके कारण पैदावर कम हो जाती है।
पीला मोजेक लगने से फसल खराब
एक अन्य किसान का कहना है कि उनके खेत में 5 से 6 एकड़ में मूंग की फसल लगी हुई थी, जो पीला मोजेक के कारण पूरी फसल खराब हो गई। इसको लेकर उन्होंने कई बार कृषि विभाग के अधिकारियों को भी बताया लेकिन मामले में गंभीरता नहीं दिखाई गई। अधिकारियों की कोई प्रशिक्षण या फसलों को उपाए नहीं बताए है।

वायरस के कारण पैदावार पर पड़ा असर
बुजुर्ग किसान ने बताया कि इस फसलों की इस बीमारी के कारण बहुत नुकसान है, पत्ते पीले बनकर झड़ जाते हैं, जिससे फसल खराब हो रही है। पैदावार कम हो जाती है। फसल सूख जाती है, उन्हें आधे से ज्यादा फसल खराब हो जाती है। इस पीला मोजेक नाम के वायरस ने हम किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। किसानों के अनुसार इस वायरस की वजह से उन्हें घाटा उठाना पड़ता है, उन्हें सही फायदा नहीं मिल पाता है।
कृषि विशेषज्ञ केदार सिरोही ने दी जानकारी
हालांकि, कृषि विभाग ने इस वायरस को लेकर अब तक कोई एडवाइजरी जारी नहीं की है.. इस वायरस को लेकर कृषि विशेषज्ञ केदार सिरोही से बताते हैं कि किसान अपने संसाधन और क्षमता के आधार पर हर साल गर्मी के सीजन में मूंग का रकबा बढ़ाते जा रहे हैं, इस बढ़ते में रकबे के लिए किसानों की मेहनत है, लेकिन यहां उनको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। किसानों को समय पर जानकारी और सहायता नहीं मिल रही, जिससे उनका नुकसान बढ़ रहा है।
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पीला मोजेक का कहर, सरकार दिखाए गंभीरता
उन्होंने आगे बताया कि किसानों को नकली खाद, बीज और दवाओं के साथ-साथ समय पर सरकार की उत्पादन, बीमारियों के रोकथाम के लिए सरकार की कोई एडवाइजरी नहीं होती है। इसलिए उनका नुकसान और भी बढ़ जाता है। अब एमपी में पीला मोजेक का कहर देखा जा रहा है, उसके बाद भी सरकार की तरफ से ना तो कोई एडवाइजरी आई है, ना इसके रोकथाम के कोई उपाए बताए गए हैं। यह विभाग हमेशा एडवाइजरी तब देता जब फसल कट जाती है। फसलों पर केमिकल का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। सरकार को समझना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए शीघ्र समाधान करना चाहिए।
रायसेन से राहुल राजौरिया की रिपोर्ट
गाडरवारा से पवन प्रीतवानी की रिपोर्ट
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