“होम लोन” सुनने में जितना आसान लगता है, असल ज़िंदगी में उतना ही भारी साबित होता है। लोग सोचते हैं 20-30 साल में धीरे-धीरे लोन चुका देंगे, लेकिन EMI का बोझ ऐसा होता है कि इंसान की पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग गड़बड़ा जाती है। पर क्या हो अगर आप 30 साल का लोन सिर्फ 17 साल में निपटा दें और वो भी बिना एक्स्ट्रा टेंशन या खर्च के?
आपको कुछ ज्यादा करने की ज़रूरत नहीं, बस साल में एक बार थोड़ा स्मार्ट बनना है।
बिना खर्च बढ़ाए, लोन जल्दी चुकाने का तरीका
चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कौशिक ने एक ऐसा आसान तरीका बताया है, जो होम लोन रखने वालों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।
उनका मानना है — अगर आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा सेव करें और साल में सिर्फ एक बार एक्स्ट्रा EMI भर दें, तो आप न सिर्फ अपनी लोन की अवधि कम कर सकते हैं, बल्कि लाखों रुपये के ब्याज से भी बच सकते हैं।
कैसे? एक सिंपल कैलकुलेशन से समझिए:
मान लीजिए आपने ₹50 लाख का लोन लिया है, 8% ब्याज दर पर। अब देखें 30 साल और 20 साल की EMI में फर्क:
30 साल की EMI: ₹36,688
20 साल की EMI: ₹41,822
फर्क: ₹5,134 प्रति माह
इस फर्क को आप सेव कर सकते हैं, क्योंकि लंबी अवधि के लोन में EMI कम होती है। अब अगर आप यह ₹5,134 हर महीने सेव करते हैं, तो साल के अंत में आपके पास ₹61,608 होंगे। यानी आप एक अतिरिक्त EMI (₹36,688) आराम से भर सकते हैं — और कुछ पैसे बच भी जाएंगे!
अगर आप होम लोन के भारी बोझ से जल्द छुटकारा पाना चाहते हैं, तो सिर्फ एक अतिरिक्त EMI हर साल भरना आपकी किस्मत बदल सकता है। इस रणनीति के तहत अगर कोई ₹50 लाख का लोन 8% ब्याज दर पर 30 साल के लिए लेता है, तो सामान्य स्थिति में उसे कुल ₹82.1 लाख का ब्याज चुकाना होता है और कुल भुगतान ₹1.32 करोड़ तक पहुंच जाता है। लेकिन यदि वह हर साल एक अतिरिक्त EMI भरता है, तो ब्याज घटकर ₹48 लाख रह जाता है और लोन की अवधि भी सिर्फ 17 साल में पूरी हो जाती है। इस तरह कुल ₹34.1 लाख का ब्याज बचता है और 13 साल पहले लोन से मुक्ति मिल जाती है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कौशिक कहते हैं कि यह कोई भारी निवेश नहीं है, बल्कि एक समझदारी भरी फाइनेंशियल स्ट्रैटेजी है। सिर्फ ब्याज1 extra EMI home loan trick चुकाने के बजाय अगर थोड़ी-सी राशि सीधे मूलधन में लगाई जाए, तो लोन का बोझ काफी हद तक कम किया जा सकता है।
इसके लिए बस तीन आसान कदम अपनाने की जरूरत है—पहला, लंबी अवधि का लोन लें ताकि EMI कम हो और मासिक बजट पर ज्यादा असर न पड़े। दूसरा, 20 साल और 30 साल की EMI के बीच जो रकम बचती है, उसे हर महीने अलग से सेव करें। और तीसरा, साल के अंत में उस सेव की गई राशि से एक अतिरिक्त EMI का भुगतान करें।
यह छोटा-सा कदम आपको न सिर्फ करोड़ों की बचत करा सकता है, बल्कि फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर भी तेजी से ले जा सकता है — बिना किसी तनाव और बिना जीवनशैली से समझौता किए।