4078145881738806504
14271021545470334915
ब्रेकिंग न्यूज़
छत्तीसगढ़ बनेगा डेयरी हब! 2047 तक दूध और अंडा उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी का लक्ष्य धान खरीदी के लिए जरूरी हुआ एग्रीस्टैक पंजीयन! 31 अक्टूबर तक कराएं रजिस्ट्रेशन, वरना नहीं मिलेगा भुगतान मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान: हर स्कूल में होगा Social Audit, तय होंगे शिक्षा के नए मापदंड! जीएसटी 2.0 से मिलेगी बड़ी राहत! अब रोज़मर्रा की चीज़ें होंगी सस्ती – जानिए कितना होगा फायदा NSS अवॉर्ड 2023: कोरबा की लखनी साहू को मिला राष्ट्रपति सम्मान, छत्तीसगढ़ में जश्न का माहौल! छत्तीसगढ़ को मोदी कैबिनेट की बड़ी सौगात! ₹24,634 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी, गोंदिया–डोंगरगढ़ लाइन से बदल जाएगा विकास का नक्शा!
rationalisation in chhattisgarh

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेशभर में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाए गए युक्तियुक्तकरण अभियान के सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में क्रियान्वित इस नीति ने कबीरधाम जिले की शैक्षणिक व्यवस्था को नई दिशा दी है।
दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में लंबे समय से विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। अब यह समस्या युक्तियुक्तकरण के माध्यम से दूर हो गई है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में जिले के 39 शासकीय विद्यालयों में 43 विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे छात्रों को उनकी कक्षा और विषय के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। इस योजना के तहत गणित, विज्ञान, रसायन, भौतिकी, वाणिज्य, हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत, अर्थशास्त्र और जीवविज्ञान जैसे विषयों के लिए योग्य शिक्षकों की तैनाती की गई है। यह पहल न केवल शिक्षण व्यवस्था को संतुलित कर रही है, बल्कि ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को शिक्षा के समान अवसर भी प्रदान कर रही है।
अब तक जिन विद्यालयों में एकल शिक्षक व्यवस्था के कारण विषय-विशेष की पढ़ाई बाधित थी, वहाँ अब विषय के लिए विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हैं। इससे न केवल छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आया है, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई है। जिले में हिंदी, अंग्रेजी, भौतिकी, गणित, विज्ञान, रसायन, अर्थशास्त्र और वाणिज्य विषय विशेषज्ञ की नियुक्ति जिले के 39 स्कूलों में की गई है। इसमें शासकीय हाई स्कूल सूखाताल में हिंदी विषय के विषय विशेषज्ञ शिक्षक, रूसे में अंग्रेजी विषय, बिरकोना में भौतिकी विषय, शासकीय हाई स्कूल अचानकपुर, मोतीपुर खड़ौदाकला, मरका, कोडापुरी, लघान में संस्कृत विषय, बोदा, झलमला, उड़िया खुर्द, बाजार चारभाठा, रवेली में गणित विषय, शासकीय हाई स्कूल कुसमुंडा, दशरंगपुर सारंगपुर कला, मिनमिनिया जंगल में जीव विज्ञान विषय, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मरका कापादाह, कोडापुरी, पोलमी, कुंडा, नेउर, राजानवागांव,  जुनवानी जंगल, समनापुर, सिंघनगढ़ में रसायन विषय, कुंडा, दशरंगपुर में अर्थशास्त्र, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैरबना कला, रेंगाखर कला,  रामपुर, गेंदपुर, सिलहटी, सूरजपुर वन, नवघटा, कुकदूर खैरझीटी पुराना, पलानसारी, कन्या पंडरिया और  सिंघारी में विषय विशेषज्ञ की नियुक्ति की गई है।

युक्तियुक्तकरण से न केवल विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था मजबूत हुई है, बल्कि विद्यार्थियों को अब प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी उचित मार्गदर्शन मिल रहा है। शासन की यह नीति केवल शिक्षकों के पुनर्वितरण की योजना भर नहीं है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में संतुलन, पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाने का एक दूरदर्शी और क्रांतिकारी प्रयास है। इससे ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थियों को भी वह शैक्षणिक आधार मिल रहा है, जिसकी अब तक उन्हें कमी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *