मध्यप्रदेश के लोक गायक भेरू सिंह चौहान और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने और कारीगरों का सशक्तिकरण करने पर शालिनी देवी होलकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा। सीएम मोहन यादव ने पद्मश्री से सम्मानित होने पर भेरू सिंह चौहान और शालिनी देवी होलकर को बधाई दी।
सीएम मोहन यादव बोले- आज संपूर्ण मध्यप्रदेश गौरवान्वित
सीएम मोहन यादव ने ट्वीट में लिखा कि आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित गरिमामय समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने मध्यप्रदेश के श्री भेरू सिंह चौहान जी को कला क्षेत्र और श्रीमती शालिनी देवी होलकर जी को व्यापार एवं उद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपकी उपलब्धि से आज संपूर्ण मध्यप्रदेश गौरवान्वित है। आपने सतत परिश्रम, त्याग और साधना से ऐसे प्रतिमान स्थापित किए हैं, जो देशभक्ति और जनसेवा की प्रेरणा देता रहेगा।
कौन हैं भेरू सिंह चौहान
भेरू सिंह चौहान मालवा के फेमस लोक गायक हैं। भेरू सिंह निर्गुण कबीर गायक हैं। वे इंदौर की महू तहसील में छोटे से गांव बजरंगपुरा के रहने वाले हैं। भेरू सिंह चौहान के पिता मादू चौहान कबीर गायक थे। भेरू ने अपने भजनों में कबीर वाणी, गोरखनाथ, ब्रह्मानंद, मीरा बाई, दादू संतों के भजन गाए हैं।
पिछले 50 सालों से भेरू सिंह चौहान का लोक मौखिक परंपरा को कायम रखने में योगदान है। भेरू सिंह ने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर 6 हजार से ज्यादा कार्यक्रमों में निर्गुण भजन और मालवा संस्कृति को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है।
कौन हैं शालिनी देवी होलकर
होलकर राजघराने की बहू शालिनी देवी होलकर ने महेश्वर की परंपरागत हथकरघा साड़ियों की विरासत को संजोया और बुनकर समुदाय के उत्थान के लिए काम किया। शालिनी देवी ने 2006 में महेश्वर में ‘गुड़ी मुड़ी केंद्र’ की स्थापना की थी जो आज बुनकर समुदाय के लिए आजीविका का मुख्य साधन बन गया है।
महेश्वर के किला परिसर में अहिल्या बिहार कॉलोनी में शालिनी हैंडलूम स्कूल चलाती हैं जहां बुनकरों के बच्चों को मुफ्त ट्रेनिंग दी जाती है। शालिनी की ये पहल महारानी अहिल्याबाई होलकर की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश है। महारानी अहिल्या बाई ने स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए महेश्वरी साड़ियों की परंपरा शुरू की थी।
सेरेमनी में 71 हस्तियों को पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में पद्म अवॉर्ड दिए। साल की पहली पद्म सेरेमनी में 71 हस्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार दिए गए।