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एनजीडीआरएस सिस्टम के चलते रजिस्ट्री करना सुविधाजनक हो गया है। इससे रजिस्ट्री की संख्या भी काफी बढ़ गई है। पहले एक रजिस्ट्री करने में दो से तीन घंटा लगता था, अब वह एक घंटे में ही पूरा हो रहा है। यही वजह है कि इस साल नवरात्रि, दशहरा और धनतेरस में पिछले साल से ज्यादा रजिस्ट्री हुई। अन्य दिनों में भी रोज 250 से ज्यादा रजिस्ट्री हो जाती है।

इसकी बड़ी वजह है कि दस्तावेजों की एंट्री रजिस्ट्री कराने वाला कहीं से भी अपनी सुविधा अनुसार करवा सकता है। रजिस्ट्री कार्यालय में केवल शुल्क पटाने, फोटो-बॉयोमेटि्रक आदि काम कराने आते हैं। यही वजह है कि पिछले साल धनतेरस के समय केवल 234 रजिस्ट्री हुई थी। इससे 3 करोड़ 96 लाख का राजस्व मिला था। इस बार 415 रजिस्ट्री हुई है। इससे 7 करोड़ 6 लाख की कमाई हुई थी।
एनजीडीआरएस सिस्टम लागू होने से पहले एक दिन में रजिस्ट्री 200 तक ही पहुंच पाती थी। अब 250 से लेकर 300 तक पहुंच जाती है। त्योहार के समय रजिस्ट्री की संख्या 300 से अधिक पहुंच जा रही है।
रजिस्ट्री कार्यालय में कई दलाल सक्रिय रहते हैं। कार्यालय के कई कर्मचारियों से मिलीभगत करके रजिस्ट्री जल्दी करवा देते थे। इसके एवज में अधिक पैसा लेते थे। अब एनजीडीआरएस के चलते ऐसे दलालों का भी पत्ता साफ हो गया है। हालांकि इस सिस्टम में भी कई खामियां हैं, जिसका फायदा अभी भी दलाल उठा रहे हैं।
रजिस्ट्री के सिस्टम में आधार कार्ड और पैन कार्ड भी लिंक करने की तैयारी चल रही है। राजस्व विभाग इसके लिए तैयारी कर चुका है। आधार और पैनकार्ड लिंक होने जमीन खरीदी-बिक्री में फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। वर्तमान में जमीन दलाल फर्जी दस्तावेजों के जरिए किसी की भी जमीन की रजिस्ट्री करवा ले रहे हैं।

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