मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से तबादले की प्रतीक्षा कर रहे हजारों कर्मचारियों को अब अपनी पसंद की जगह पोस्टिंग मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मोहन यादव कैबिनेट ने ट्रांसफर बैन हटाने के साथ नई ट्रांसफर नीति का रास्ता खोल दिया है। अब 29 अप्रैल मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में नई ट्रांसफर पॉलिसी को लागू करने पर मुहर लग सकती है।
दरअसल, लंबे इंतजार के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मोहन कैबिनेट ने 1 मई से 31 मई 2025 तक ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है। साथ ही, नई ट्रांसफर पॉलिसी को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है, जिस पर कल मंगलवार को मुहर लगने की पूरी संभावना है।
सभी विभागों से ली गई राय
नवीन तबादला नीति को बनाने से पहले सभी विभागों से सुझाव लिए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि नीति पारदर्शी हो और कर्मचारियों की प्राथमिकताओं का ध्यान रखा जाए। सभी विभागों से चर्चा के बाद नई तबादला नीति तैयार की गई है। इसके तहत बड़े विभागों में सिर्फ 3 से 5% तबादले होंगे। साथ ही कर्मचारी अब स्वयं के खर्च पर भी ट्रांसफर करा सकेंगे, इस प्रकार के तबादले को प्राथमिकता मिलेगी। स्कूल शिक्षा विभाग के लिए अलग पॉलिसी होगी।
1 से 31 मई तक होंगे ट्रांसफर
दरअसल, मोहन कैबिनेट ने मध्य प्रदेश में पूरे मई महीने में सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर करने को मंजूरी दे दी है। ये ट्रांसफर 1 से 31 मई तक होंगे। इस दौरान सरकारी कर्मचारियों को अपने हिसाब से ट्रांसफर लेने का ऑप्शन मिलेगा। पिछली कैबिनेट बैठक में यह भी साफ हो गया था कि अगले हफ्ते मोहन यादव सरकार नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर सकती है।
स्कूल शिक्षा विभाग के लिए अलग पॉलिसी
बताया जा रहा है कि नई ट्रांसफर पॉलिसी स्कूल शिक्षा विभाग के लिए लागू नहीं होगी, इस विभाग के लिए अलग पॉलिसी होगी। दरअसल, मोहन सरकार शैक्षणिक सत्र के बीच में शिक्षकों का तबादला नहीं करना चाहती है। शिक्षक भी सरकारी कर्मचारियों की श्रेणी में आते हैं, इसलिए उनके लिए अलग ट्रांसफर पॉलिसी होगी है। सरकार का मानना है कि शैक्षणिक सत्र के दौरान ट्रांसफर से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है, इसीलिए अब सत्र समाप्त होने के बाद ट्रांसफर की अनुमति दी गई है।