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हाइलाइट्स

सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी कॉरिडोर योजना को दी मंजूरी।
मंदिर फंड से जमीन खरीद को कोर्ट ने दी अनुमति।
भूमि देवता श्री बांके बिहारी के नाम पर होगी रजिस्टर्ड।

Banke Bihari Temple Corridor Approved: सुप्रीम कोर्ट ने वृंदावन स्थित ऐतिहासिक श्री बांके बिहारी मंदिर के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की 500 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी कॉरिडोर योजना को मंजूरी दे दी है। साथ ही कोर्ट ने इस परियोजना में मंदिर के फंड का इस्तेमाल करने की भी अनुमति दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि परियोजना के तहत अधिग्रहित की जाने वाली भूमि केवल देवता श्री बांके बिहारी जी महाराज के नाम पर ही रजिस्टर्ड की जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश में किया गया संशोधन
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को भी संशोधित कर दिया, जिसमें मंदिर के चारों ओर भूमि की खरीद पर रोक लगाई गई थी। कोर्ट ने कहा कि बांके बिहारी मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की संरचना है, जिसे समुचित रखरखाव और संरक्षित समर्थन की आवश्यकता है।
मंदिर फंड से जमीन खरीद को मिली हरी झंडी
बेंच ने कहा कि बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के पास बड़ी राशि सावधि जमा (Fixed Deposit) के रूप में है और राज्य सरकार इस राशि का उपयोग मंदिर कॉरिडोर परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में कर सकती है। शर्त यही है कि जमीन देवता या ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर्ड की जाए।
भगदड़ की घटना बनी वजह
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस परियोजना को मंजूरी देना 2022 में मंदिर परिसर में हुई भगदड़ जैसी दुखद घटना के मद्देनज़र बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
समग्र विकास पर जोर
बेंच ने मथुरा और वृंदावन के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इन स्थलों पर सालभर लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, इसलिए यहां बेहतर बुनियादी ढांचे की जरूरत है। अदालत ने उत्तर प्रदेश ब्रज योजना एवं विकास बोर्ड की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सरकार, मंदिर ट्रस्ट, स्थानीय समुदायों और अन्य हितधारकों को मिलकर सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
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