कमला नेहरू महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ मोहन मंजू के एक आइडिया ने मेडिकल डेटा को और सिक्योर कर दिया है। कोविड-19 के मुश्किल दौर में एम्स के सर्वर पर साइबर अटैक हुआ। मेडिकल डेटा हैक करने की कोशिश हुई और इस घटना उन्हें इसका समाधान ढूंढने के लिए प्रेरित किया।
नहीं रहेगा हैकर्स के इंवाॅल्मेंट का खतरा
डाॅ. मंजू ने संवेदनशील मेडिकल डेटा को सौ प्रतिशत सुरक्षित करने की युक्ति पर काम शुरू किया। उन्होंने करीब 5 साल की रिसर्च के बाद एक ऐसी एप्लिकेशन तैयार की, जिसकी मदद से मेडिकल डेटा नेटवर्क में हैकर्स के इंवाॅल्मेंट का खतरा अब नहीं रहेगा। इसको विकसित कर अगला वर्जन बनाया जा रहा है। इस विषय पर उन्होंने 18 सितंबर को रिसर्च पूरी की है।
ऐसे बनाई प्रोटेक्शन वाॅल
डाॅ मंजू ने मेडिकल डेटा को सिक्योर (एंस्क्रिप्ट एवं डिक्रिप्ट) करने के लिए नई एप्लिकेशन डिजाइन की है। उन्होंने मल्टीपल एल्गोरिदम की स्टडी कर एक से ज्यादा स्ट्रॉन्गेस्ट एल्गोरिदम को मर्ज कर के एक प्रोटेक्शन वाॅल क्रिएट की है। जिससे मेडिकल डेटा नेटवर्क में हैकर्स के इंवाॅल्मेंट का खतरा नहीं रहेगा।