छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक ऐसा त्यौहार मनाया जाता है जिससे आप ना पहल कभी सुने होंगे और नाही देखे। बता दें कि नेपाल की परंपरा के जैसे छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में दीपावली के एक दिन पहले कुकुर तिहार मनाया गया। पुराने बस स्टैंड में संचालित बेजुबान डॉग्स सेंटर्स में बड़ी संख्या में कुत्तों की पूजा की गई।
डॉग सेंटर में कुत्तों के लिए भोजन बनाकर उनकी पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया गया। बेजुबान डॉग सेंटर्स के फाउंडर सुधांशु शर्मा ने बताया कि डॉग को भैरवदेव का वाहन माना जाता है। इसलिए पूजा की गई। बता दें कि पर्व इसलिए मनाया जाता है, ताकि लोग इन बेजुबान जानवरों के महत्व को समझें और उनकी पूजा करें।
छत्तीसगढ़ में यह नहीं होता है। यह पहला आयोजन किया गया है। अंबिकापुर के बेजुबान डॉग सेंटर में बड़ी संख्या में आवारा कुत्तों को रखा गया है। सुधांशु शर्मा लंबे समय से बेजुबान कुत्तों को रखकर उनकी देखरेख करते हैं। डॉग सेंटर में करीब 50 से अधिक डॉग्स रखे गए हैं। सरगुजा में आवारा कुत्तों की संख्या ज्यादा है। 2 साल पहले आवारा कुत्तों की नसबंदी का कार्यक्रम शुरू किया गया था। इससे कुत्तों की आबादी कुछ कम हुई थी। बजट स्वीकृत नहीं होने के कारण यह अभियान बंद कर दिया गया।
नगर निगम ने आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए दुबारा बजट मांगा है। बड़ी संख्या में कुत्ते एक्सीडेट में घायल होते हैं। डॉग सेंटर में इन कुत्तों की देखरेख की जाती है। डॉग सेंटर्स के फाउंडर सुधांशु शर्मा इन कुत्तों के लिए सहारा बने हैं