पहले पिता का साथ छूटा और फिर प्रकृति के कहर से मां मौत के मुंह में समा गई. माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुई चार बेटियां अब दाने-दाने को मोहताज है .दरअसल सीतामढ़ी निवासी कलिन्द्री यादव अपने पति की मौत के बाद 4 बच्चों का पालन-पोषण मजदूरी करके कर रही थी. सिम्मी, स्नेहा, मुस्कान, आस्था ने कोरबा कलेक्टर से मिलकर शासन के द्वारा दिए जाने वाले आपदा राशि प्रदान करने की गुहार लगाई है.
पहले पिता का साथ छूटा और फिर प्रकृति के कहर से मां मौत के मुंह में समा गई. माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुई चार बेटियां अब दाने-दाने को मोहताज है .दरअसल सीतामढ़ी निवासी कलिन्द्री यादव अपने पति की मौत के बाद 4 बच्चों का पालन-पोषण मजदूरी करके कर रही थी. सिम्मी, स्नेहा, मुस्कान, आस्था ने कोरबा कलेक्टर से मिलकर शासन के द्वारा दिए जाने वाले आपदा राशि प्रदान करने की गुहार लगाई है.