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जिला मुख्यालय जांजगीर  कलेक्टोरेट रोड में नीम पथ मार्ग में वसुंधरा उद्यान है, जो पिछले 4- 5 सालो से बंद पड़ा है, जिसके कारण वहा बड़े बड़े घास जाग चुके है और वहां लगे कुछ झूले टूट चुके है, और पूरा उद्यान खंडहर हो चुके है, लेकिन अब इसे आम लोगो के फिर से खोला जाएगा. जिसके लिए यहां सौंदर्यकरण किया जा रहा है, ताकि लोग इस उद्यान का में मॉर्निंग और इवनिंग में घूमने आ सके और बच्चों के लिए झूले को मेंटेंस किया जा रहा है वही जो झूले टूट चुके है उसके बदले नए झूले लगाएं जाएंगे.

अपको बता दें कि जांजगीर के कलेक्टरोरेट रोड में वसुंधरा उद्यान का शिलान्यास 2006 में तत्कालीन कलेक्टर सोनमणि बोरा व एसपी विवेकानंद सिन्हा के द्वारा किया गया. जुसला दस सालों बाद 2016 में उद्यान का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया.  इस वसुंधरा उद्यान को बनाने में लगभग 94.24 लाख रुपए खर्च किए गए, लेकिन इस उद्यान की देखरेख के आभाव में तीन साल में ही स्थिति ऐसी हो गई है कि लोग जाना ही कम कर दिए है. और धीरे धीरे खंडहर हो गया.

अब इस उद्यान का सौंदर्यीकरण किया जाएगा
वसुंधरा उद्यान में पौधे सूख गए है, बच्चों के खेलने वाले के झूले, फिसल पट्टी भी टूट गए,  वसुंधरा उद्यान का फुटपाथ टूट चुका है, जैसे ही आप गेट से घुसेंगे तो रास्ते की टाइल्स टूटी हुई है, चारों तरफ जंगली घास उग गए थे.  हमेशा सांप, बिच्छू का खतरा बना रहता है. उद्यान के अंदर आने जाने के लिए ज्यादातर रास्ते कच्चे है. जहां टाइल्स लगाई गई हैं वो भी ज्यादातर उखड़ गई थी. टाईल्सों के बीच दरारें इतनी बढ़ गई है, जैसे की पैर फंस जाएगा, बैठने के लिए जहां बेंच बनी है उनके चारों तरफ घुटने तक जंगली घास ही घास थे.

अब इस वसुंधरा उद्यान को चांपा पीआईएल द्वारा पुनः लोगों के सुविधा के लिए बनाया जा रहा है, जिसमे चारों तरफ फव्वारा लगाया जाएगा, फुटपाथ की हाइट को बढ़ाकर प्लेवरब्लॉक लगाया जाएगा, जो झूले सही है उसे मेंटेंस करके पेंट किया जा रहा है, इसके साथ ही नए झूले लगाएं जाएंगे. पीने के लिए वॉटर फ़िल्टर लगाया जाएगा. रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएगी.

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