देशभर में लंबे समय से जीएसटी सुधारों को लेकर चर्चाएं चल रही थीं और आखिरकार 3 सितंबर 2025 को हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि इस बार आम आदमी से लेकर कारोबारियों और किसानों तक सबको ध्यान में रखते हुए टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाया गया है। सबसे अहम फैसला यह रहा कि अब देश में सिर्फ दो जीएसटी स्लैब रहेंगे—5% और 18%। 12% और 28% वाले स्लैब खत्म कर दिए गए हैं, जबकि हानिकारक और सुपर लग्ज़री सामानों के लिए एक अलग 40% का स्पेशल टैक्स स्लैब बनाया गया है। सीतारमण ने बताया कि इस पर सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने सहमति जताई है और ये नए नियम 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगे। इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा क्योंकि कई सामान अब सस्ते हो जाएंगे तो कुछ चीजें और महंगी हो जाएंगी।
सबसे बड़ी राहत उन चीजों को मिली है जिन्हें अब जीरो जीएसटी स्लैब में डाला गया है। रोजमर्रा के खानपान के सामान जैसे यूएचटी दूध, छेना पनीर, पिज्जा ब्रेड, रोटी और पराठा अब पूरी तरह टैक्स फ्री हो गए हैं। इसके अलावा इंडिविजुअल इंश्योरेंस पॉलिसी पर लगने वाला जीएसटी भी खत्म कर दिया गया है। शिक्षा से जुड़े सामानों—पेंसिल, कटर, रबर और नोटबुक—पर भी टैक्स हटाकर इन्हें शून्य कर दिया गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी यह बड़ा बदलाव है क्योंकि 33 जीवन रक्षक दवाओं, जिनमें गंभीर बीमारियों की दवाएं भी शामिल हैं, पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
इसके बाद 5% जीएसटी स्लैब में आने वाले सामानों की सूची भी लोगों को राहत देने वाली है। शैंपू, साबुन और तेल जैसे रोजाना इस्तेमाल होने वाले उत्पाद अब सिर्फ 5% टैक्स श्रेणी में होंगे। नमकीन, पास्ता, कॉफी और नूडल्स पर भी टैक्स कम किया गया है और इन्हें इस कैटेगरी में शामिल किया गया है। स्वास्थ्य उपकरणों में थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर को भी 18% से घटाकर 5% में रखा गया है। डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे चीज और मक्खन पर पहले 12% टैक्स लगता था, जो अब घटाकर 5% कर दिया गया है। किसानों को राहत देते हुए फर्टिलाइजर्स पर भी टैक्स को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। वहीं 2500 रुपये से कम कीमत वाले जूतों पर भी यही दर लागू होगी।
सबसे बड़ी राहत गाड़ियों और निर्माण क्षेत्र को दी गई है। अब तक 28% स्लैब में शामिल छोटी कारें, 350 सीसी बाइक और थ्रीव्हीलर पर टैक्स घटाकर 18% कर दिया गया है। एसी और फ्रिज जैसे घरेलू उपकरण भी इस लिस्ट में शामिल हैं और ये अब पहले से सस्ते होंगे। घर बनाने वालों के लिए भी यह बदलाव फायदे का सौदा है क्योंकि सीमेंट पर लगने वाला जीएसटी घटाकर 18% कर दिया गया है। इसी श्रेणी में 350 सीसी की बाइक और ऑटो पार्ट्स को भी शामिल किया गया है, जिससे इनकी कीमतों में कमी आएगी।
हालांकि जहां राहत है, वहीं महंगाई की मार भी पड़ेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि 40% का एक विशेष स्लैब उन उत्पादों के लिए रखा गया है जिन्हें हानिकारक और विलासितापूर्ण माना जाता है। इसमें पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, बीड़ी और अन्य तंबाकू उत्पादों के साथ-साथ फ्लेवर्ड शुगर कैफिनेटेड और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स शामिल हैं। इतना ही नहीं, निजी जेट जैसे सुपर लग्जरी उत्पादों पर भी अब इसी दर से जीएसटी वसूला जाएगा।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस बार के जीएसटी सुधारों का असर सीधा आम आदमी की जिंदगी पर दिखेगा। जहां रोजमर्रा की चीजें, गाड़ियां और घर बनाने का खर्च सस्ता होगा, वहीं तंबाकू उत्पाद और विलासिता की वस्तुएं और महंगी हो जाएंगी। सरकार का मानना है कि इससे टैक्स स्ट्रक्चर न सिर्फ सरल होगा बल्कि आम जनता को राहत मिलेगी और राजस्व व्यवस्था भी बेहतर बनेगी।