Emotional Story: शेले (Shele) ने बताया कि उनकी मां रत्ना (Ratna) अगर अपने घर से बाहर कदम भी रखतीं, तो पड़ोसी अपने दरवाजे-खिड़कियां बंद कर लेते. स्कूल जाने वाले बच्चों को शेले हाउस के पास से नहीं जाने को कहा जाता था, कहीं ऐसा न हो कि वे उनका चेहरा देख लें और दुर्भाग्य को आमंत्रित कर लें. उन्होंने कहा, “ये वही लोग थे जिनसे मेरी मां की दोस्ती थी. लेकिन विधवा होने के बाद उनके चारों ओर सब कुछ बदल गया था.”