धनतेरस से दीप पर्व की शुरुआत होगी। इस बार भौम प्रदोष के महासंयोग में धनतेरस मनाई जाएगी। इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ ही धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। इसके अगले दिन नरक चतुर्दशी होती है, जिसमें ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का महत्व है।
आरोग्य, ऐश्वर्य, उन्नति व प्रकाश का पांच दिवसीय पर्व दीपावली मंगलवार को धनत्रयोदशी के साथ शुरू होगा। भाई दूज तक चलने वाले उत्सव में पांच दिन पांच अलग-अलग देवताओं का पूजन किया जाएगा।
इस बार तिथि मतांतर के कारण नर्कहरा चतुर्दशी व दीपावली एक ही दिन है। वहीं, गोवर्धन पूजा दीपावली के एक दिन बाद 2 नवंबर को होगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया पंचांगीय गणना व धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार इन तारीखों में पांच त्योहार मनाना शुभ फलदायी रहेगा।