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Chhattisgarh Tribal Women Dairy Scheme

आदिवासी समुदाय की महिला किसानों की आय बढ़ाने और उनके सशक्तीकरण के लिए राज्य शासन द्वारा दुधारू पशु प्रदाय योजना प्रारंभ की जा रही है। राज्य के छह जिलों कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जशपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। योजना के तहत आजीविका संवर्धन, पोषण सुधार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने आदिवासी महिला किसानों को साहीवाल नस्ल की दो-दो दुधारू गायें दी जा रही हैं। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायक संस्था एनडीडीबी डेयरी सर्विसेस के सहयोग से छत्तीसगढ़ राज्य दुग्ध महासंघ मर्यादित द्वारा यह योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत कांकेर जिले के बड़गांव (पखांजूर) में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र की 75 आदिवासी महिला किसानों को गाय प्रदान किया गया।

सांसद श्री भोजराज नाग ने दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी वर्ग की महिलाओं को दुधारू पशु देने की यह योजना उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। वनांचलों की महिलाओं को दुग्ध उत्पादन से जोड़कर समावेशी विकास की ओर अग्रसर किया जाएगा, जिससे वे समृद्ध हो सके। विधायक श्री विक्रम उसेंडी ने भी गाय वितरण कार्यक्रम में शामिल होकर महिला कृषकों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

राज्य सरकार द्वारा इस योजना में 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है, जबकि 40 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के माध्यम से रियायती ब्याज दर पर ऋण स्वरूप प्रदान की जा रही है। शेष 10 प्रतिशत राशि लाभार्थियों द्वारा दी जाएगी। ऋण की वसूली किसानों द्वारा दूध के विक्रय से की जाएगी। डेयरी समग्र विकास योजना के अंतर्गत संचालित इस योजना में लाभार्थियों को एक वर्ष तक मुफ्त सुविधाएं भी दी जाएंगी, जिनमें दुधारू गायों का बीमा, पशु स्वास्थ्य निगरानी, साइलेज चारा, पौष्टिक आहार, खनिज मिश्रण तथा वैज्ञानिक पशु प्रबंधन पर प्रशिक्षण शामिल हैं। साथ ही राज्य की पशु चिकित्सा टीमें नियमित रूप से पशु स्वास्थ्य सेवा एवं प्रजनन सुविधा भी उपलब्ध कराएंगी।

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