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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। महाराष्ट्र चुनाव के लिए कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के दो सीनियर नेताओं को जिम्मेदारी दी है। वहीं, प्रदेश के एक अन्य नेता को ओडिशा कांग्रेस में जारी कलह को सुलझाने का काम सौंपा गया है। राज्य के तीन नेताओं को केंद्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिलने से राज्य की सियासत में एक बार फिर से कई तरह की चर्चाएं लगाई जा रही हैं।

कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाया है। जबकि नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत को ओडिशा राज्य का जिम्मा दिया गया है। चरणदास महंत ओडिशा कांग्रेस के विवाद को सुलझाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें ओडिशा कांग्रेस के संगठनात्मक मामलों को सुलझाने, समन्वय की जिम्मेदारी दी है। वह अपनी रिपोर्ट तैयार कर पार्टी के आलाकमान को देंगे।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सीनियर नेता और राज्य के पूर्व डेप्युटी सीएम टीएस सिंहदेव को पश्चिमी महाराष्ट्र का सीनियर पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। टीएस सिंहदेव के साथ एमपी पाटिल को भी इसी इलाके का पर्यवेक्षक नियुक्ति किया गया है। पश्चिमी महाराष्ट्र के कई जिले आते हैं। कोल्हापूर, सांगली, सतारा, पुणे, नासिक, अहमदनगर और सोलापूर प्रमुख हैं। टीएस सिंहदेव के पास महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र बनाने की भी जिम्मेदारी है।

भूपेश बघेल को विदर्भ क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नागपुर बेल्ट छत्तीसगढ़ की सीमा से लगता है। इस इलाके में आरएसएस का भी दबदबा है। भूपेश बघेल ने महाराष्ट्र चुनाव में जिम्मेदारी मिलने पर पार्टी का आभार जताया था। भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव के लिए मोर्चा भी संभाल लिया है। बघेल शनिवार को महाराष्ट्र के दौरे पर जा रहे हैं।

टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बाद कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। चरण दास महंत ओडिशा कांग्रेस में जारी विवाद को सुलझाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है।

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