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CG News: भव्य देवीय जात्रा के इस आयोजन में करंगाल परगना और पात्र मुदाय के आदिवासी ग्रामीण विभिन्न ग्रामों, जिलों और पड़ोसी राज्यों से अपने देवी-देवताओं के प्रतीक आंगा, डोली और डांग के साथ पहुंचे थे। इससे हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यह आयोजन पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ।
CG News: यह जात्रा सदियों से पुरानी परंपरा का हिस्सा है, जिसके तहत नारायणपुर में आगामी नवरात्रि के दौरान आयोजित होने वाले माता शीतला मेले के लिए माता गंगादाई से अनुमति मांगी जाती है। इस परंपरा के अनुसार, पुजारी और श्रद्धालु देवी के समक्ष प्रार्थना कर शुभ संकेतों के आधार पर मेले की स्वीकृति ग्रहण करते हैं।
CG News: इस अवसर पर भव्य देव खेलनी का आयोजन किया गया, जिसमें सिराहों ने देवी-देवताओं का आह्वान कर अपने शरीर पर लोहे के कोड़े बरसाए। यह अनुष्ठान आदिवासी संस्कृति में देवी-देवताओं की शक्ति और कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। वहीं इस आयोजन में पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक पारंपरिक नृत्य किए।
CG News: महिलाओं द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक आदिवासी नृत्य और पुरुषों ने ढोल पर थाप देकर इस आयोजन में संगीत के माध्यम से देवताओं से सुख-समृद्धि और खुशहाल जीवन की कामना की। बड़े डोंगर से आए शिव कुमार पात्र ने कहा कि वो इस आयोजन में विगत 30 वर्ष से आ रहे हैं क्योंकि माता गंगादाई उनकी कुल देवी है।
CG News: डॉ भागेश्वर पात्र, लोक साहित्यकार खोजकर्ता ने कहा कि यह जात्रा आदिवासी संस्कृति की समृद्धि और उसकी जीवंतता को दर्शाती है। यह आयोजन समुदाय की एकता और उनकी परंपराओं के प्रति समान को भी प्रकट करता है।

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