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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गृह जिले मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में रविवार को रेडविंग नामक कंपनी द्वारा हेल्थकेयर ड्रोन डिलीवरी नेटवर्क का सफल परीक्षण किया गया. यह तकनीक विशेष रूप से पहाड़ी और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और तेज़ बनाने के लिए विकसित की गई है. उड़ीसा और अरुणाचल राज्य में कुछ जिलों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी इस तकनीक का उपयोग शुरू किया जा सकता है.

इस ड्रोन नेटवर्क की मदद से ब्लड सैंपल और आवश्यक दवाइयां उन इलाकों में समय पर पहुंचाई जा सकेंगी जहां सड़क कनेक्टिविटी या ट्रैफिक की समस्याएं बाधा बनती हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी की मौजूदगी में जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ के आमाखेरवा मैदान से चिरमिरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ड्रोन के जरिए दवाइयां भेजी गईं.

ड्रोन ने दवाई लेकर तय किया 40 km तक का सफर

ब्लड सैंपल को कलेक्ट कर वापस मनेंद्रगढ़ लाया गया. ड्रोन ने दवाई लेकर 40 KM तक का सफर तय किया इसमें महज आधे घण्टे का वक्त लगा. फिलहाल दवाइयां और आवश्यक चीजों को पहुंचाने के लिए ड्रोन से यह ट्रायल किया जा रहा है अगर सफलतापूर्वक पूरी चीजे हो जाती हैं तो इसका प्रदेश के बस्तर और सरगुजा के क्षेत्र में लोगों को बेहतर लाभ मिलेगा.

राज्य के अस्पतालों को चिकित्सा केंद्रों से जोड़ा जाएगा 

मंत्री जायसवाल ने बताया कि इस तकनीक से अब ब्लड सैंपल सुबह भेजे जा सकते हैं और उनकी रिपोर्ट 1-2 घंटे के भीतर ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा सकती है. इससे मरीजों को त्वरित इलाज देने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि परीक्षण की सफलता के बाद यह प्रणाली पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी. इससे राज्य के अस्पतालों को प्रमुख चिकित्सा केंद्रों से जोड़ा जाएगा जिससे आपातकालीन सेवाओं में सुधार होगा और जीवन रक्षक दवाइयां समय पर पहुंचाई जा सकेंगी. आगे भी ये प्रयास जारी रहेगा.

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