4078145881738806504
14271021545470334915
ब्रेकिंग न्यूज़

छत्तीसगढ़ मेें बाघों का कुनबा बढ़ाने का प्रयास लगातार जारी है। केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट बघुवा के तहत मध्यप्रदेश से राज्य में दो बाघ और दो बाघिन लाने की तैयारी की जा रही है। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अचानकमार टाइगर रिजर्व में फिलहाल 12 बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई है। जबकि, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 10 बाघ होने के दावे किए जाते रहे हैं। इसके अलावा बारनवापारा अभयारण्य में एक बाघ पिछले 8 महीने से विचरण कर रहा है।
वहीं, भोरमदेव अभयारण्य में दो बाघ व गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में 7 बाघों की उपस्थिति की पुष्टि हुई है। बाघ विशेषज्ञ आर. श्रीनिवास मूर्ति ने बारनवापारा अभयारण्य का दौरा कर वहां बाघों के लिए उपयुक्त वातावरण का निरीक्षण किया और दो नए बाघिनों को यहां छोड़ने की सिफारिश की।
राज्य स्थापना दिवस पर वन्यजीवों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विशेष कार्यक्रम रखे जाएंगे। वन्यजीवन के संरक्षण और बाघों की संख्या में वृद्धि के महत्व को रेखांकित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान और जागरुकता अभियानों का आयोजन होगा।
वन्यजीव विशेषज्ञों ने बार नवापारा अभयारण्य को बाघों के लिए आदर्श स्थान बताया है। ग्लोबल टाइगर फोरम द्वारा बारनवापारा की एक ‘टाइगर हैबिटेट सूटेबिलिटी’ रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें यहां बाघों को सुरक्षित और अनुकूल माहौल प्रदान करने की सिफारिश की गई है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व में मध्यप्रदेश से बाघों की आवाजाही देखी जाती रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि यदि इस क्षेत्र में प्रे-बेस को और मजबूत किया जाए तो अन्य राज्यों से भी बाघ इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होंगे। हाल ही में एक बाघिन ने 400 किलोमीटर का सफर तय किया था, जो बाघों के संरक्षण के प्रति लोगों की जागरुकता और सहयोग का संकेत है।
सुधीर अग्रवाल, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ: छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने के प्रयासों में युवाओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वन्यजीव संरक्षण केवल सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है। सभी को वन्यजीवों के प्रति जागरूक होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *