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लोक शिक्षण संचालनालय ने पांचवीं-आठवीं की केंद्रीयकृत यानी बोर्ड की तर्ज पर परीक्षा कराने का आदेश और टाइम टेबल जारी कर दिया। इसके अनुसार, सीबीएसई-आइसीएसई से संबद्ध स्कूलों को छोड़कर बाकी सभी निजी स्कूलों में भी ये परीक्षाएं आयोजित होंगी।

परीक्षा के लिए केंद्रीयकृत प्रश्न पत्र छपेगा। इससे निजी स्कूल प्रबंधकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि ज्यादातर निजी स्कूल प्रबंधक राज्य सरकार की सरकारी किताबें न पढ़ाकर मनमानी निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाते हैं। ऐसे में केंद्रीयकृत परीक्षा का पाठ्यक्रम अलग होगा, तो निजी स्कूलों के बच्चों का रिजल्ट खराब होने का खतरा मंडरा रहा है।

कुछ स्कूल प्रबंधकाें ने तो संचालनालय के इस निर्देश की अवहेलना करते हुए निजी स्तर पर ही परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस परीक्षा में कोई परीक्षार्थी फेल नहीं होगा। मगर, निजी स्कूलों को बच्चों को ऐसा प्रश्न पत्र हल करना पड़ेगा, जिसका पाठ्यक्रम उन्हें पढ़ाया ही नहीं जा रहा है।

इस परीक्षा का सफल संचालन की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को मिली है। वहीं, विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) स्कूल के हिसाब से नामिनल नंबर तैयार कर डीईओ को देंगे। इसके बाद छात्र-छात्राओ को रोल नंबर मिलेगा, जिसे 28 फरवरी तक स्कूल प्रमुखों को दिया जाएगा।

परीक्षा में सरकारी, अनुदान प्राप्त और छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से जुड़े निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को बैठना अनिवार्य होगा। सीबीएसई एवं आइसीएसई से संबद्ध गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालय इसमें शामिल नहीं होंगे।

परीक्षा की निगरानी के लिए संकुल, विकासखंड, जिला स्तरीय उड़नदस्ता बनाया जाएगा। टीम परीक्षा अवधि में कम से कम तीन परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। परीक्षाओं के लिए सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय परीक्षा केंद्र होंगे। सभी संकुल केंद्र प्रश्न पत्र वितरण केंद्र होंगे। संकुल प्राचार्य इसके प्रभारी होंगे।

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