छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। 25 अक्टूबर को अबूझमाड़ के सोनपुर में एक नया सुरक्षा कैंप खोला गया है, जिससे क्षेत्र में नक्सल ऑपरेशन को और तेज़ी मिलेगी। नारायणपुर का अबूझमाड़ इलाका कई वर्षों से नक्सलियों का गढ़ रहा है, लेकिन अब सुरक्षाबलों की लगातार प्रयासों से नक्सलवाद की जड़ें कमजोर हो रही हैं। लोगों में सुरक्षाबलों की सफलता पर विश्वास बढ़ा है कि वे जल्द ही नक्सलवाद के दंश से मुक्त हो सकेंगे।
इस कैंप का उद्घाटन नारायणपुर पुलिस, डीआरजी, बस्तर फाइटर, बीएसएफ की 133 और 135वीं वाहिनी के सहयोग से हुआ। इस कैंप के माध्यम से न केवल सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा, बल्कि यह जन सुविधा कैंप के रूप में भी कार्य करेगा। इसके तहत सड़क निर्माण में सुरक्षा प्रदान करने का लक्ष्य है, जो सोनपुर, ढोढरीबेड़ा, मसपुर और होरादी गारपा से होते हुए सितरम तक फैला होगा।
इस कैंप के खुलने के बाद, गारपा के ग्रामीण 20 साल के बाद फिर से अपने गांव लौट पाए हैं। साल 2003-04 में नक्सलियों ने उन्हें यहां से खदेड़ दिया था। अब, नए सुरक्षा कैंप के चलते गांव वाले गायत्री मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए लौट आए हैं, जिससे उनके बीच आशा की एक नई किरण जागी है। यहां जल्द ही सड़क निर्माण शुरू होगा, जिससे परिवहन सेवाओं की भी शुरुआत होगी। नियद नेल्लानार योजना के तहत गारपा में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। इस कैंप के खुलने से क्षेत्र में सुरक्षा बलों की सघन नक्सल विरोधी अभियान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीण अब भयमुक्त जीवन जी सकेंगे।