प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 02 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2025 तक वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में इस वर्ष 2025 में वन्यजीव सप्ताह मनाये जाने हेतु ‘‘मानव-पशु सह अस्तित्व’’ विषय चुना गया है। साथ ही वन्यजीव सप्ताह के दौरान मानव-हाथी संघर्ष को ध्यान में रखते हुए जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है इसी तारतम्य में हाथी मानव द्वंद को न्यूनतम करने उद्देश्य से जशपुर वनमण्डल द्वारा गजरथ यात्रा 2025 का शुभारंभ किया गया है। वन्य जीवों का संरक्षण जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करता है। वन्य जीवों का संरक्षण हमारे पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में सहायक सिद्ध होता है। वन्य जीवों का संरक्षण हमारी संस्कृति और धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। वन्य जीवों का संरक्षण हमारे भविष्य के लिए आवश्यक हैए क्योंकि वे हमारे प्राकृतिक संसाधनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
गजरथ यात्रा फरसाबहार एवं कुनकुरी तथा बगीचा विकासखण्ड अन्तर्गत आने वाले 75 स्कूलों में पहुंचकर हाथी के व्यवहार एवं गतिविधि की जानकारी लगभग 8205 छात्र/छात्राओं को अब तक दिया जा चुका है और वर्तमान में पत्थलगांव विकासखंड में निरंतर जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है। वन्य जीवों की सुरक्षा के लिये प्रत्येक व्यक्ति को आगे लाने के लिए भारतीय वन्य जीव बोर्ड ने वन्यजीव सप्ताह मनाने का निर्णय लिया था और तब से यह प्रत्येक वर्ष वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है।
जनजागरूकता कार्यक्रम के तहत वन अधिकारियों ने बताया कि आज प्रकृति से जो भी प्राप्त हो रहा है, सबकी कुछ न कुछ महत्ता है। चाहे वह जीव हो या पेड़.पौधेए सभी एक.दूसरे से जुड़े हुए हैं। वन्य जीवों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने और उनके संरक्षण में अपना योगदान देने पर महत्व दिया जाता है। वन्य जीव सप्ताह के तहत होने वाले आयोजन आमजन को वन्य जीवों के महत्व और इकोसिस्टम में उनके महत्व को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस पूरे सप्ताह आमजन के बीच व वन्य जीवों के महत्व को समझनेए वन्य जीवों के संरक्षण, वन्य जीवों के आवासों का संरक्षण करने, वन्य जीवों के शोषण को रोकनेए वन्य जीव संरक्षण के लिए समाज की भागीदारी को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास और जागरूकता गतिविधि को बढाने के कार्य किये जाते हैं।