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Bihan Yojana success story Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव जमडीखुर्द की साधारण महिला श्रीमती पारसमति आज आत्मनिर्भरता और सफलता की प्रेरणादायी मिसाल बन चुकी हैं। पारसमति ने वर्ष 2017 में बिहान योजना के तहत गठित जय माँ लक्ष्मी स्वसहायता समूह से जुड़कर साप्ताहिक 10-10 रुपये बचाना शुरू किया। पहली बार उन्हें 5 हजार रुपये का लोन मिला, जिससे उन्होंने तीन बकरियां खरीदीं। आगे चलकर 60 हजार रुपये की सामुदायिक निवेश निधि से उन्होंने गांव में पहली बार डी.जे. साउंड सर्विस शुरू की। इससे ग्रामीणों को दूर कस्बों में जाने की परेशानी खत्म हुई और पारसमति की आजीविका ने रफ्तार पकड़ ली। समूह की सफलता और सरकार की नीतिगत मदद से प्रेरित होकर पारसमति ने बैंक से 1 लाख रुपये का लोन लिया और आधुनिक एम्प्लीफायर व साउंड सिस्टम की खरीदी की जिससे सालाना एक लाख रूपए से अधिक की आय अर्जित कर रहीं है।
राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण आजीविका सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे बिहान योजना और स्वसहायता समूह की बदौलत गौरेला पेन्ड्रा मरवाही जिले के ग्राम जमड़ीखुर्द की पारसमति ने 10 रुपये की मामूली बचत से अपने संघर्ष का सफर शुरू कर आज लखपति दीदी बनने तक का मुकाम हासिल कर चुकी है। पारसमति आज अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। खेती और बकरी पालन से भी उनकी आमदनी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि “बिहान योजना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और इसका लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।” पारसमति की यह उपलब्धि सरकार की नीतियों और महिलाओं के संघर्षशील प्रयासों का सफल परिणाम है।

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