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Shaheed Veer Narayan Singh Museum Raipur

नवा रायपुर में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के समीप निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का आज प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा द्वारा निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि संग्रहालय का लोकार्पण देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से राज्योत्सव के समय किया जाना है। अतः इसके निर्माण कार्य में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। संग्रहालय का कार्य किसी भी स्थिति में 30 सितंबर तक पूर्ण हो जाना चाहिए तथा शेष फिनिशिंग कार्य अक्टूबर के पहले हफ्ते में पूरा कर लिया जाए। साथ ही सभी कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ सभी मानकों के अनुरूप होना चाहिए। निरीक्षण के दौरान उनके साथ आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, टीआरटीआई संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, निर्माण एजेंसी के अधिकारी, क्यूरेटर, इंजीनियरर्स, आर्ट कलाकार एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

प्रमुख सचिव श्री बोरा ने कड़े लहजे में निर्देश दिए कि संग्रहालय में लगने वाली मूर्तियां, कैनवास वर्क, डिजिटल वर्क एवं अन्य सभी लंबित कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा कर लिया जाए अन्यथा संबंधित पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने संग्रहालय में प्रवेश से पूर्ण टिकट काउंटर पर लगे स्कैनिंग कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए एवं अगले निरीक्षण से पूर्व इसके वर्किंग स्थिति में आ जाने के निर्देश दिए। संग्रहालय के प्रवेश द्वार के संबंध में कुछ सुधार करने के निर्देश दिए गए। संग्रहालय के चारों ओर बड़े अक्षरों में संग्रहालय का नाम लिखे जाने के निर्देश दिए गए ताकि दूर से ही संग्रहालय की जानकारी आमजन को मिल सके।

उन्होंने संग्रहालय में अच्छा सेल्फी प्वाइंट बनाने के निर्देश दिए। साथ ही प्रोजेक्शन वर्क को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। गैलरी के निरीक्षण के दौरान उसमें लगने वाली लाइट के संबंध में आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए गए। प्रत्येक गैलरी में बनाई गई जीवंत झांकी के सामने स्कैनर लगाने के निर्देश दिए गए ताकि कोई भी आगतंुक उसे स्कैन करके अपने मोबाइल पर उससे संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त कर सके।

उन्होंने आयुक्त डॉ.सारांश मित्तर एवं संचालक, टीआरटीआई श्रीमती हिना अनिमेष नेताम को संग्रहालय का प्रतिदिन निरीक्षण कर अद्यतन स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए। किसी भी प्रकार की कोई समस्या हाने पर उन्हें तत्काल इसकी जानकारी दी जाए ताकि अविलंब इसका समाधान किया जा सके। इससे पूर्व आयुक्त डॉ.सारांश मित्तर द्वारा भी निर्माण कार्य में होने वाले विलम्ब एवं फिनिशिंग कार्य की गुणवत्ता को लेकर निर्माण एजेंसी के ठेकेदार एवं क्यूरेटर से नाराजगी व्यक्त की गई एवं इसे शीघ्र सुधारने के निर्देश दिए गए।

प्रमुख सचिव श्री बोरा ने संग्रहालय में डिजीटलीकरण कार्य, दिव्यांगजनों हेतु पृथक पार्किंग व्यवस्था, सॉवेनियर शॉप, गार्डनिंग, वॉटर सप्लाई की स्थिति को मौके पर निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का यह पहला संग्रहालय है जो कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उच्च शौर्य एवं बलिदान को समर्पित है अतः इसके निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा संग्रहालय के निर्माण में किसी भी प्रकार की कोई वित्तीय अनियमितता ना हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छ.ग. में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे – हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रेाह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह एवं जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष (1923, 1920) एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह संग्रहालय सभी वर्ग के लोगों के लिए एक आकर्षण का केन्द्र एवं प्रेरणास्रोत के रूप में बनकर उभरेगा।

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