देशभर में जीएसटी को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। आखिरकार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ताज़ा बैठक के बाद बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने साफ कहा कि इस बार हमारा पूरा फोकस देश के आम आदमी पर है—चाहे किसान हों, मजदूर हों या मिडिल क्लास फैमिली। बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी इस फैसले का समर्थन किया और कहा कि समय की मांग को देखते हुए ये बदलाव बेहद ज़रूरी हैं।
अब ये चीजें होंगी सस्ती
नई व्यवस्था के तहत रोजमर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी कई चीजों को जीएसटी से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है।
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यूएचटी दूध, छेना पनीर, पिज्जा ब्रेड, रोटी और पराठा अब जीरो जीएसटी स्लैब में आ गए हैं। यानी इन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
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घरों में इस्तेमाल होने वाले शैंपू, साबुन और तेल जैसे जरूरी सामानों पर भी अब कम टैक्स लगेगा।
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वहीं, नमकीन, पास्ता, कॉफी और नूडल्स को 5% जीएसटी स्लैब में रखा गया है।
बड़ी राहत गाड़ियों और निर्माण क्षेत्र को भी मिली है।
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छोटी कार, बाइक और सीमेंट पर अब 28% की जगह सिर्फ 18% टैक्स लगेगा।
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टीवी पर भी टैक्स घटाकर 28% से 18% कर दिया गया है।
सबसे अहम राहत स्वास्थ्य क्षेत्र को दी गई है। 33 जीवन रक्षक दवाओं, जिनमें तीन कैंसर की दवाएं भी शामिल हैं, को जीएसटी से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है। यानी ये अब टैक्स फ्री होंगी।
लग्ज़री और हानिकारक उत्पादों पर सख्ती
जहां आम लोगों को राहत दी गई है, वहीं सुपर लग्ज़री और हानिकारक सामानों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है।
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पान मसाला, सिगरेट, गुटका, बीड़ी और अन्य तंबाकू उत्पाद अब 40% के स्पेशल स्लैब में आएंगे।
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इसके अलावा फ्लेवर वाले कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और फास्ट फूड पर भी यही टैक्स लागू होगा।
कब से लागू होंगे नए रेट?
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री ने एक इंटरव्यू में जानकारी दी कि काउंसिल की बैठक में पास हुए सारे फैसले 22 सितंबर से लागू होंगे। यानी इसी तारीख से बाजार में बहुत सारी चीजें सस्ती होने लगेंगी।
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15 अगस्त को की गई जीएसटी सुधारों की घोषणा के बाद हुई पहली बड़ी बैठक थी।
जीएसटी संरचना में बड़ा बदलाव
इस बार जीएसटी सुधार सिर्फ दरों में नहीं, बल्कि पूरे ढांचे में हुए हैं। अब तक जीएसटी के चार स्लैब थे—5%, 12%, 18% और 28%। लेकिन अब इन्हें घटाकर सिर्फ दो स्लैब (5% और 18%) कर दिया गया है।
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12% वाले ज्यादातर (करीब 99%) सामान अब 5% स्लैब में जाएंगे।
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28% वाले सामानों को 18% स्लैब में लाया जाएगा।
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जबकि सिर्फ कुछ खास विलासिता की वस्तुएं ही 40% टैक्स श्रेणी में रहेंगी।