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Jan Dhan Yojana eligibility and documents

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में वित्तीय समावेशन को सुनिश्चित करना है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाई गई है, जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और जिनके पास बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच नहीं है। इस योजना के तहत किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक या डाकघर में शून्य बैलेंस पर खाता खोला जा सकता है, और यह सुविधा ग्रामीण व शहरी—दोनों क्षेत्रों के लोगों के लिए उपलब्ध है।

खाते को आधार कार्ड से जोड़ने पर खाताधारकों को कई अतिरिक्त सुविधाएं मिलती हैं—जैसे ओवरड्राफ्ट सुविधा, रुपे किसान क्रेडिट कार्ड और रुपे डेबिट कार्ड। इसके अलावा, इस योजना के तहत वित्तीय सेवाओं और सरकार की अन्य योजनाओं तक सीधा लाभ मिलता है। पात्रता के अनुसार, 10 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना से जुड़ सकता है, हालांकि इसका फोकस गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों पर है। बीमा लाभ केवल 18 से 59 वर्ष की आयु वाले लोगों को ही दिया जाता है।

इस योजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सरकारी कर्मचारी और करदाताओं को इसके लाभ के लिए अपात्र माना गया है। योजना के लाभों में शून्य बैलेंस पर खाता खोलना, जमा पर ब्याज, मोबाइल बैंकिंग की सुविधा और रुपे डेबिट कार्ड पर 2 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा कवर शामिल है। साथ ही, खाताधारक को ओवरड्राफ्ट सुविधा और माइक्रो क्रेडिट तक पहुंच भी मिलती है।

खाता कैसे खोलें?

जन धन खाता खोलने के लिए इच्छुक व्यक्ति को बैंक या बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (BC) आउटलेट से संपर्क करना होगा। आवश्यक दस्तावेजों में—आधार कार्ड, पहचान प्रमाण, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर और पते का प्रमाण शामिल हैं। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू की जा सकती है, लेकिन अंतिम चरण पूरा करने के लिए बैंक जाना अनिवार्य है। जिन लोगों के पास पहले से बैंक खाता है, वे उसे जन धन खाते में बदलकर इस योजना के लाभ ले सकते हैं।

ऑपरेशनल सीमाएं और मॉनिटरिंग

PMJDY में वार्षिक जमा राशि और अधिकतम खाता शेष पर कुछ सीमाएं तय हैं, ताकि योजना का फोकस समाज के सबसे कमजोर वर्गों पर बना रहे। खाताधारक अपनी बैलेंस और आवेदन की स्थिति ऑनलाइन या निर्धारित फोन नंबर के माध्यम से देख सकते हैं।

फीडबैक और हेल्पलाइन

योजना में फीडबैक तंत्र भी शामिल है, जहां लाभार्थी अपने अनुभव साझा कर सकते हैं या समस्याएं रिपोर्ट कर सकते हैं। सरकार ने राज्य-विशिष्ट टोल-फ्री नंबर भी शुरू किए हैं, जिससे खाताधारकों को बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती और वे अपने सवाल दूर से ही हल कर सकते हैं।

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