सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी राहत की सौगात दी है। “नकदी रहित उपचार स्कीम 2025” के तहत अब सड़क हादसे के शिकार लोगों को अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। इस योजना में सरकार प्रति पीड़ित 1.50 लाख रुपये तक का इलाज खर्च खुद वहन करेगी। परिवहन मंत्रालय ने इस योजना की अधिसूचना जारी कर दी है और बिहार में इसे जल्द लागू करने की तैयारी है। राज्य परिवहन विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
योजना के तहत दुर्घटना के पहले सात दिनों तक पीड़ित किसी भी नामित अस्पताल में बिना पैसे दिए इलाज करवा सकेगा। परिवहन सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी के मुताबिक, राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि सड़क हादसों में घायल लोगों को तुरंत और बेहतर इलाज मिले। इसके लिए सभी ट्रॉमा और पॉली ट्रॉमा अस्पतालों को योजना में शामिल करने की प्रक्रिया जारी है।
इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य है—घायल व्यक्ति को समय पर इलाज मिल सके और उसे अस्पतालों के चक्कर न काटने पड़ें। अस्पतालों को यह निर्देश भी दिए जाएंगे कि अगर उनके पास जरूरी सुविधाएं नहीं हैं, तो मरीज को तुरंत किसी बड़े अस्पताल में रेफर करें और एम्बुलेंस की व्यवस्था भी करें।
भुगतान प्रक्रिया भी पारदर्शी तरीके से तय की गई है। इस योजना के लिए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद को नोडल एजेंसी बनाया गया है। नामित अस्पताल इलाज के बाद मरीज का पूरा ब्योरा और बिल पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसके बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण भुगतान का दावा प्रस्तुत करेगा और जांच के बाद सरकार सीधे अस्पताल को राशि का भुगतान करेगी।
तकनीकी और डिजिटल सुविधा के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण एक विशेष पोर्टल तैयार कर रहा है। इस पोर्टल पर अस्पताल, मरीज और इलाज से जुड़ी सभी जानकारी दर्ज होगी। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी, बल्कि बिल भुगतान में देरी की संभावना भी खत्म हो जाएगी।