बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भारत सरकार की ओर से सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana – SSY) चलाई जा रही है, जो बेटी की पढ़ाई से लेकर शादी तक के खर्चों में मददगार साबित हो सकती है। इस योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत की गई थी। यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है, जिसे बेटियों को लखपति बनाने वाली स्कीम भी कहा जाता है। इस योजना की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नवंबर 2024 तक 4.1 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें निवेश पर सरकार द्वारा 8.2 प्रतिशत का ब्याज दिया जाता है, जो आमतौर पर बैंकों की एफडी से अधिक होता है। इतना ही नहीं, इस योजना में निवेश करने पर आयकर की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का भी लाभ मिलता है। इसमें सिर्फ ₹250 से अकाउंट खोला जा सकता है, और बच्ची की उम्र 10 साल तक होनी चाहिए। योजना में 15 वर्षों तक निवेश किया जाता है और जब बेटी 21 साल की होती है, तब परिपक्वता राशि दी जाती है। बेटी की उम्र 18 साल होने पर पढ़ाई के लिए खाते से 50% तक की निकासी की अनुमति है।
अब सवाल यह है कि इस योजना से 71 लाख रुपये कैसे मिल सकते हैं? इसका गणित आसान है – यदि अभिभावक हर साल अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख जमा करते हैं और लगातार 15 वर्षों तक यह निवेश जारी रखते हैं, तो योजना की परिपक्वता पर कुल ₹71,82,119 रुपये मिलते हैं। इसमें से ₹22.5 लाख निवेश की गई राशि होती है, जबकि बाकी ₹49.32 लाख ब्याज के रूप में जुड़ते हैं। यह पूरी राशि टैक्स फ्री होती है।
हाल ही में सरकार ने इस योजना से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया है। 1 अक्टूबर 2024 से लागू नए नियम के अनुसार, यदि किसी बेटी का खाता उसके नेचुरल पैरेंट्स या लीगल गार्डियन द्वारा नहीं खोला गया है, तो उसे ट्रांसफर करना अनिवार्य होगा। अन्यथा खाता बंद किया जा सकता है।
खाता खोलने के लिए बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र, अभिभावक का पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र आवश्यक होता है। इच्छुक व्यक्ति नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक शाखा में जाकर खाता खुलवा सकते हैं। कुल मिलाकर, यह योजना बेटियों के लिए एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।