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India UK Free Trade Agreement 2024

भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच Free Trade Agreement (FTA) पर मुहर लग चुकी है, जो आने वाले समय में आम आदमी से लेकर एक्सपोर्टर्स तक, हर किसी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है। इस समझौते के तहत अब भारत अपने लगभग 99 फीसदी प्रोडक्ट्स को ब्रिटेन में या तो शून्य टैक्स या बेहद कम टैरिफ पर बेच सकेगा। वहीं, यूके के लगभग 90 फीसदी प्रोडक्ट्स भारत में कम टैक्स के साथ उपलब्ध होंगे। यह करार दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में गुरुवार को हुआ, जिसमें दस्तावेजों पर साइन किए गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस डील को भारत के लिए ग्लोबल लेवल पर एक बड़ी आर्थिक जीत बताया। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार 34 अरब डॉलर तक बढ़ेगा और 2030 तक इसका लक्ष्य 120 अरब डॉलर रखा गया है। इस FTA से न केवल व्यापार में तेजी आएगी, बल्कि आम लोगों को भी कई चीजों के दामों में कमी देखने को मिलेगी।

क्या-क्या हो जाएंगी चीजें सस्ती?

इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लागू होने के बाद भारत में यूके से आने वाले उत्पादों की कीमतों में कमी आ सकती है। अगर आप स्कॉच व्हिस्की के शौकीन हैं, तो ये खबर आपके लिए है – व्हिस्की की कीमतों में 20 से 50 फीसदी तक की गिरावट संभव है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां, कपड़े, चमड़े के सामान, मेटल और ज्वेलरी जैसी चीजें सस्ती हो सकती हैं।

हालांकि, कुछ कैटेगरी में महंगाई भी देखने को मिल सकती है, खासतौर पर कृषि उत्पाद (Agricultural Products), ऑटोमोबाइल (जैसे कार और बाइक), और स्टील से जुड़ी वस्तुएं महंगी हो सकती हैं। इसका कारण यह है कि इन सेक्टरों में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट करने के लिए टैरिफ में विशेष छूट नहीं दी गई है।

ब्रिटेन में कौन-कौन सी भारतीय चीजें मचाएंगी धूम?

भारत सरकार की योजना इस समझौते के जरिए ‘मेक इन इंडिया’ को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक इन्फोग्राफिक साझा करते हुए बताया कि भारत के किस राज्य से कौन-कौन से प्रोडक्ट्स यूके में एक्सपोर्ट होंगे:

  • जम्मू-कश्मीर: पश्मीना शॉल, बासमती चावल, केसर, कश्मीरी विलो बैट्स

  • हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: बासमती चावल

  • पंजाब (जलंधर): स्पोर्ट्स गुड्स, बासमती चावल

  • दिल्ली: बासमती चावल

  • राजस्थान (जयपुर): जेमस्टोन और ज्वेलरी

  • गुजरात (सूरत और मोरबी): टेक्सटाइल, मिट्टी के बर्तन, डायमंड

  • महाराष्ट्र (कोल्हापुर): फुटवियर, आईटी सर्विसेज

  • कर्नाटक (चन्नापटन): खिलौने

  • केरल: रबर और हल्दी

  • उत्तर प्रदेश (खुर्जा, मेरठ, आगरा, कानपुर): मिट्टी के बर्तन, स्पोर्ट्स गुड्स, लेदर, बासमती चावल

  • तेलंगाना: आईटी सर्विस

  • आंध्र प्रदेश: कॉफी और हल्दी

  • तमिलनाडु (कांचीपुरम): साड़ी, हल्दी, गुड़िया, स्लीपर, आईटी सर्विस

  • बिहार (भागलपुर): सिल्क, मखाना, लिची, सिक्की घास के खिलौने

  • त्रिपुरा: नेचुरल और प्रोसेस्ड रबर

  • पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग चाय, साड़ी, गुड़िया, शांतिनिकेतन लेदर

इस समझौते के साथ, भारतीय MSMEs और लोकल आर्टिसन को भी अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा, जिससे रोजगार बढ़ेगा और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह FTA न केवल व्यापार की दिशा बदलने जा रहा है, बल्कि भारतीय संस्कृति, कला और कारीगरी को भी वैश्विक स्तर पर नई पहचान देगा।

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