महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने विभाग में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की सिलसिलेवार समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि पोषण टै्रकर एप में बच्चों के आधार लिंकेज तथा फेस मैचिंग से संबंधित कतिपय व्यावहारिक एवं तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, जिनका समाधान करना शासन स्तर पर पत्राचार किया जाएगा। साथ ही जिला स्तर पर आवश्यक सुधार लाने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी। उन्होंने विकासखण्डवार योजनाओं की समीक्षा करते हुए सभी सेक्टर सुपरवाइजरों को जरूरी निर्देश दिए।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज दोपहर 12.30 बजे आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले के कोयलीबेड़ा और पखांजूर परियोजना कार्यालय अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में ई-केवायसी तथा फेस व आधार मैचिंग का प्रतिशत काफी कम है, जिसकी वजह से विभिन्न सुपोषण योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। इन क्षेत्रों के कुछ केन्द्रों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या होने के कारण पंजीयन करने में परेशानी हो रही है। इसके लिए उन्होंने तकनीकी परामर्श लेने की बात कही। साथ ही इस महत्वपूर्ण कार्य में रूचि नहीं लेने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा जिन केन्द्रों में आधार एवं फेस मैचिंग संबंधी ई-केवायसी नहीं हुआ है, ऐसे हितग्राहियों की सूची तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने सभी गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए भी निर्देशित किया।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि केंद्र शासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों की सभी हितग्राहियों को भी चेहरा पहचानने संबंधी कार्य कराया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस क्षेत्र हेतु सभी हितग्राहियों को अपना आधार अपडेशन कराने कथा मोबाइल नंबर आधार के साथ जोड़ने की अनिवार्यता है। आज कलेक्टर द्वारा ली गई विभागीय समीक्षा बैठक में सभी परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज सभी हितग्राहियों का एफआरएस कराने के निर्देश कलेक्टर के द्वारा दिए गए हैं। कलेक्टर के द्वारा विभिन्न विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों की गहन समीक्षा करते हुए उसमें आवश्यक प्रगति लाने तथा कठिनाइयों से जिला कार्यालय को अवगत कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से महतारी वंदन योजना तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सभी पात्र हितग्राहियों को शत प्रतिशत लाभान्वित करने का भी निर्देश दिया गया है। ज़िले में कुपोषण की स्थिति की समीक्षा करते हो गए अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कराकर उनके स्वास्थ्य में आवश्यक सुधार लाए जाने के भी निर्देश दिए गए। शून्य से 6 वर्ष के बच्चों, जिनका आधार नहीं बना है, उन्हें ग्राम पंचायतों तथा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जन्म प्रमाण पत्र जारी कराते हुए उनका आधार बनाए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन सुरक्षित स्थान पर करने हेतु निर्देशित किया गया है। जिला कलेक्टर के द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों के हितग्राहियों का आधार अपडेट कराने तथा अन्य योजनाओं में प्रगति लाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है।
उन्होंने बताया कि अब तक 78 प्रतिशत कुपोषित बच्चों को नजदीक के एनआरसी में भर्ती किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या 17.22 प्रतिशत है। इसी तरह पूरक पोषण आहार, महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आंगनबाड़ी केन्द्रों में परोसे जाने वाले गर्म भोजन, टीएचआर, महिला कोष, नोनी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना की प्रगति सहित जिले में संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड में प्रकरणों की क्रमवार जानकारी कलेक्टर को दी। यह भी बताया गया कि महतारी वंदन योजना के तहत जिले की एक लाख 80 हजार महिला पंजीकृत हैं जिन्हें खातों में प्रतिमाह निर्धारित राशि जमा हो रही है। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास अधिकारी सहित सभी ब्लॉक के परियोजना अधिकारी और सेक्टर सुपरवाइजर उपस्थित थे।