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Uttar Pradesh Sugar Production 2025: भारत में इस साल चीनी उत्पादन ने नया मुकाम हासिल किया है, लेकिन इसमें सबसे बड़ा योगदान उत्तर प्रदेश का रहा है। इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) की रिपोर्ट के अनुसार, 15 मई 2025 तक देश में कुल 257.44 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। इस आंकड़े में उत्तर प्रदेश ने अकेले लगभग 93 लाख टन चीनी बनाकर अपना दबदबा कायम रखा है।
पेराई सीजन की मजबूती और किसानों की मेहनत ने रचा इतिहास
उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने इस सीजन में पेराई की शुरुआत समय पर की और किसानों ने भी भरपूर मात्रा में गन्ना आपूर्ति की। यह तालमेल ही है जिससे राज्य लगातार देश में सबसे आगे बना हुआ है। यह आंकड़ा सिर्फ राज्य की उत्पादन क्षमता नहीं, बल्कि गन्ना किसानों की मेहनत और चीनी उद्योग की कुशलता को भी दर्शाता है।
महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु रहे पीछे
जहां उत्तर प्रदेश ने लगभग 93 लाख टन चीनी बनाकर देश में पहला स्थान हासिल किया है, वहीं महाराष्ट्र 81 लाख टन के साथ दूसरे स्थान पर रहा। कर्नाटक तीसरे और तमिलनाडु पांचवें स्थान पर रहा। यह साफ है कि उत्तर भारत खासकर उत्तर प्रदेश का चीनी उत्पादन (Uttar Pradesh Sugar Production) में दबदबा अब भी बरकरार है।
उत्पादन और बढ़ने की संभावना
ISMA के अनुसार, इस समय देश में दो चीनी मिलें अभी भी सक्रिय हैं, जो तमिलनाडु में स्थित हैं। इनके चलते आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर चीनी उत्पादन में 4 से 5 लाख टन की और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे कुल उत्पादन 262 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि उत्तर प्रदेश की मिलें पहले ही पेराई बंद कर चुकी हैं, लेकिन उनका योगदान सबसे अहम रहा।
घरेलू जरूरतों से अधिक चीनी स्टॉक
इस सीजन की शुरुआत 80 लाख टन के शुरुआती स्टॉक से हुई थी। अनुमानित 280 लाख टन घरेलू खपत और 9 लाख टन के संभावित निर्यात को देखते हुए, सीजन के अंत तक देश में करीब 52-53 लाख टन चीनी स्टॉक बचे रहने की संभावना है। यह एक संतुलित बफर स्टॉक है, जिससे चीनी की कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है और आम जनता को राहत मिलेगी।
इथेनॉल नीति को मिला बल
चीनी उद्योग अब केवल शक्कर तक सीमित नहीं है। इस बार लगभग 27 लाख टन चीनी इथेनॉल उत्पादन (Uttar Pradesh Sugar Production) के लिए भेजी जा चुकी है, और शेष सीजन में और 6-7 लाख टन भेजे जाने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश भी इथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम में अग्रणी राज्यों में शामिल है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ किसानों की आय में भी इजाफा हो रहा है।
 
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2025-26 सीजन में और ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है यूपी का उत्पादन
मौसम विभाग (IMD) और स्काईमेट ने इस साल बेहतर मानसून का अनुमान दिया है, जिससे गन्ना फसल में बढ़ोतरी की पूरी उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में वैरिएटल रिप्लेसमेंट इनिशिएटिव (VRI) जैसे प्रयासों से गन्ने की पैदावार और चीनी रिकवरी दर में सुधार देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले अगले पेराई सत्र में उत्तर प्रदेश फिर एक नया कीर्तिमान बना सकता है।
 
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