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हाइलाइट्स

कलेक्टर के फरमान पर विवाद
शिक्षक संघों ने खोला मोर्चा
सरकार को लिखा पत्र

Damoh Collector Exam Order :  मध्यप्रदेश के दमोह जिले में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा जारी किए गए आदेश के खिलाफ शिक्षक संघों ने मोर्चा खोल दिया है। कलेक्टर ने एक सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30% से कम रहा है, उन स्कूलों के शिक्षकों की परीक्षा ली जाएगी। यह परीक्षा 8 जून 2025 को आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक शिक्षक को कम से कम 50% अंक लाना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश सभी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों को भेजा गया है, साथ ही निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित शिक्षकों को इस संबंध में सूचित करें। आदेश की प्रतिलिपि आयुक्त लोक शिक्षण और संयुक्त संचालक (सागर) को भी भेजी गई है।
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कलेक्टर के इस फरमान पर अब विवाद गहराता जा रहा है। शिक्षक कर्मचारी संघों ने इस कदम का विरोध करते हुए सरकार को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि कार्रवाई या प्रोत्साहन देने का अधिकार केवल शिक्षा विभाग के पास है, न कि किसी जिले के कलेक्टर के पास। आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल ने कलेक्टर के आदेश को अनुचित ठहराते हुए कहा, “हमारा विभाग तय करता है कि कब कार्रवाई होनी चाहिए और कब प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। किसी जिले का कलेक्टर यह फैसला कैसे कर सकता है?”
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल का इस वर्ष का परीक्षा परिणाम पिछले 15 वर्षों में सबसे बेहतर रहा है, बावजूद इसके दमोह जिले में कम परिणाम देने वाले स्कूलों पर सख्ती बरती जा रही है। शिक्षक संघों ने मांग की है कि कलेक्टर के इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए और शिक्षकों को डराने की बजाय उन्हें सकारात्मक तरीके से प्रोत्साहित किया जाए।
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