प्रयोगात्मक परीक्षा के प्रथम चरण में जिला पिछड़ा चल रहा है। 550 विद्यालयों में से आधे की भी प्रयोगात्मक परीक्षा संपन्न नहीं हो सकी हैं। शासन की तरफ से 13 जनवरी तक सभी विद्यालयों को प्रयोगात्मक परीक्षा संपन्न कराने का निर्देश जारी किया है।
यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा का द्वितीय चरण 31 दिसंबर से प्रारंभ हो गया है। आगरा जिले को प्रथम चरण में प्रयोगात्मक परीक्षा संपन्न करानी थी। निर्धारित समय पर प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं हो सकी। उसी का नतीजा है कि द्वितीय चरण में परीक्षा कराने का मौका प्रदान किया गया है। जिन विद्यालयों की प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं हुई है, उन्हें 13 जनवरी तक परीक्षा करानी होगी। उसके बाद प्रयोगात्मक परीक्षा का आयोजन होना आसान नहीं होगा। इसकी वजह से परीक्षाफल प्रभावित हो सकता है।
डीआईओएस रवींद्र सिंह ने बताया कि सर्दी के अवकाश की वजह से कई विद्यालयों में प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं हो सकी है। उनको परीक्षा कराने का एक और मौका मिला है। प्रधानाचार्यों को सीसीटीवी कैमरे या मोबाइल कैमरे की रिकॉर्डिंग के साथ प्रयोगात्मक परीक्षा कराने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ परीक्षा से पहले विद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर परीक्षक को सेल्फी खींचकर कार्यालय भेजनी होगी।