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उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले की माटी के लाल अरुण देव सिंह गौतम आईपीएस अफसर हैं। उन्हें मंगलवार को छत्तीसगढ़ का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया गया है। इस मुकाम को हासिल कर जहां उन्होंने अपने परिजनों का सिर गर्व से ऊंचा किया है, वहीं जनपद वासियों को गौरांवित भी किया है। अरुण देव सिंह गौतम 1992 बैच के आईपीएस हैं। प्रमोशन की खबर मिलते ही मंगलवार को उनके पैतृक गांव में परिजनों के साथ आस-पास के ग्रामीणों ने खुशियां साझा करते हुए एक दूसरे का मुंह मीठा कराया।

जिले के मलवा ब्लॉक के छोटे से गांव अभयपुर में अरुण देव सिंह गौतम का जन्म 2 जुलाई 1967 को हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल से ली। इसके बाद हाई स्कूल और इंटर की शिक्षा गवर्नमेंट इंटर कॉलेज इलाहाबाद से पूरी की। फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए के बाद पॉलिटिकल साइंस से एमए किया। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय कानून में एमफिल की उपाधि हासिल की।

1992 बैच के आईपीएस

इसके बाद यूपीएससी क्रैक कर 12 अक्टूबर 1992 को आईपीएस की सर्विस जॉइन की। उन्हें पहले मध्य प्रदेश कैडर एलॉट हुआ था। प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर उनकी पहली पोस्टिंग एमपी के जबलपुर में हुई। बिलासपुर जिले के सीएसपी रहें। 1992 बैच के आईपीएस श्री गौतम को मंगलवार को छत्तीसगढ़ का नया डीजीपी बनाया गया है। गृह विभाग ने प्रमोशन कर उन्हें इस पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किया है। आईपीएस अरुण देव गौतम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। अरुण देव गौतम पुलिस विभाग में अपनी साफ सुथरी छवि और ईमानदार अधिकारियों के फेहरिश्त में गिने जाते हैं।

राष्ट्रपति पुलिस पदक से हो चुके हैं सम्मानित

अरुण देव गौतम को उनके कार्य कुशलता के चलते संयुक्त राष्ट्र पदक के अलावा सराहनीय सेवाओं के लिए वर्ष 2010 में भारतीय पुलिस पदक और 2018 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2002 में संघर्षग्रस्त कोसोवा में सेवा देने के लिए अरुण देव गौतम को संयुक्त राष्ट्र पदक से भी नवाजा गया है।

अलग राज्य बनने के बाद चुना था छत्तीसगढ़ कैडर

आईपीएस अरुण देव गौतम को एसपी के तौर पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली तैनाती मिली थी। इसके बाद वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुना था।

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