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देश में केंद्र सरकार अब घर में काम करने वाले नौकरों के लिए नया कानून बनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू नौकरों के हितों की रक्षा को जरूरी बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वो कानूनी व्यवस्था के लिए सुझाव देने के लिए एक कमेटी बनाए।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय को सामाजिक न्याय मंत्रालय, महिला और बाल कल्याण मंत्रालय और कानून मंत्रालय साथ मिलकर इस मामले पर काम करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी मंत्रालय मिलकर एक स्पेशल कमेटी बनाए। ये कमेटी घरेलू नौकरों के हितों की रक्षा के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए अपने सुझाव देगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पेशल कमेटी 6 महीने के अंदर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपे। इसके बाद सरकार उस रिपोर्ट पर विचार करके कानून बनाने को लेकर आगे की कार्यवाही करे।

सुप्रीम कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को घरेलू नौकरों के हितों की रक्षा के लिए कानून बनाने पर विचार करने के निर्देश दिए। इस केस में उत्तराखंड के याचिकाकर्ता पर घर की नौकरानी को छुट्टी नहीं देने, जबरदस्ती घर पर रोकने और मानव तस्करी के आरोप थे। जबकि नौकरानी का विवाद उसको काम दिलवाने वाली कंपनी के साथ था।

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा कि नौकरानी का विवाद उसे काम पर लगवाने वाली एजेंसी के साथ था। उन्हें बिना किसी वजह के इस केस में घसीटा गया है। हालांकि नौकरानी ने हाईकोर्ट में ये कहा था कि वो मालिक के खिलाफ केस जारी नहीं रखना चाहती है, लेकिन हाईकोर्ट ने केस बंद करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

1 फरवरी 2025 से भारत में बैंकिंग सिस्टम में होने वाले बड़े बदलावों के लिए तैयार हो जाइए। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी नए नियमों के तहत SBI, PNB और Canara Bank जैसे प्रमुख बैंकों के खाताधारकों को कुछ नई व्यवस्थाओं का सामना करना पड़ेगा। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग सर्विस को ज्यादा सुरक्षित, ट्रांसपेरेंट और ग्राहक-केंद्रित बनाना है।

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